Subrahmanya Sashti 2025: सुब्रह्मण्य षष्ठी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, संतान से जुड़ी मुश्किलें होंगी दूर
सुब्रह्मण्य षष्ठी भगवान कार्तिकेय को समर्पित है और संतान प्राप्ति व संतान से जुड़ी मुश्किलों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सुब्रह्मण्य षष्ठी (Subrahmanya Sashti 2025) का पर्व बुधवार, 26 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

Subrahmanya Sashti 2025: सुब्रह्मण्य षष्ठी पर करें ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सुब्रह्मण्य षष्ठी का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। यह दिन संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी मुश्किलों को दूर करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन (Subrahmanya Sashti 2025) भगवान कार्तिकेय की पूजा के साथ-साथ उनके माता-पिता भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है, खासकर शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, तो आइए उन विशेष वस्तुओं के बारे में जानते हैं।
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शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें (Offer These Items To The Shivling)
- कच्चा दूध - शिवलिंग पर गाय का शुद्ध कच्चा दूध अर्पित करने से मन शांत रहता है और पैसों से जुड़ी रुकावटें दूर होती हैं।
- दही - सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन शिवलिंग पर दही से अभिषेक करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- शहद - शिवलिंग पर शहद अर्पित करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही इसे चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- बिल्व पत्र - बिल्व पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इसे अर्पित करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- गन्ने का रस - सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- काले तिल - शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है और रुके हुए धन की प्राप्ति होती है।
- अक्षत - शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं।
पूजा का महत्व (Subrahmanya Sashti 2025 Puja Significance)
ऐसी मान्यता है कि सुब्रह्मण्य षष्ठी के दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान कार्तिकेय की कृपा मिलती है। इस दिन शिव, पार्वती और कार्तिकेय तीनों की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और संतान से जुड़ी सभी समस्या का हल होता है। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन संतान कामना वाले सभी भक्त इस दिन शिव-पार्वती और कार्तिकेय की पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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