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    Som Pradosh Vrat 2025: आज है जून का आखिरी प्रदोष व्रत, नोट करें पूजा विधि, भोग और मंत्र

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 08:02 AM (IST)

    23 जून 2025 यानी आज के दिन जून महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है और इसे रखने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष 2025 का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी 23 जून 2025 को जून महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। यह शुभ दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है और यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। माना जाता है कि इस दिन (Som Pradosh Vrat 2025) उपवास रखने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। आइए इस आर्टकिल में इस दिन की प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व (Som Pradosh Vrat 2025 Significance)

    प्रदोष व्रत का हिंदुओं के बीच बहुत बड़ा महत्व है। यह तिथि शिव पूजन के लिए खास होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और सभी कष्ट दूर होते हैं। विशेष रूप से यह व्रत संतान प्राप्ति, रोग मुक्ति और सुख-समृद्धि के लिए खास माना जाता है।

    प्रदोष व्रत पूजा विधि (Som Pradosh Vrat 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
    • पूजा घर को साफ करें और उसे गंगाजल से पवित्र करें।
    • पूजा शुरू करने से पहले भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
    • एक वेदी चौकी पर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
    • शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
    • अगर हो पाए तो शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
    • इसके बाद शुद्ध जल से अभिषेक करें।
    • भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी के पत्ते, आक के फूल, सफेद चंदन, अक्षत जरूर चढ़ाएं।
    • माता पार्वती को शृंगार का सामान चढ़ाएं।
    • सोम प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
    • अंत में आरती करें।

    शिव जी के प्रिय फूल - आक, कनेर, सफेद फूल आदि।

    भोग (Som Pradosh Vrat 2025 Bhog)

    • भांग और धतूरा - ये भगवान शिव के सबसे प्रिय भोग माने जाते हैं।
    • बेल का फल - बेल का फल भी भोलेनाथ को चढ़ाया जाता है।
    • मिठाई - शिव जी को मोदक, मालपुआ, खीर और दूध से बनी मिठाइयां चढ़ा सकते हैं।
    • पंचामृत - शिव जी को पंचामृत का भोग भी लगाया जाता है।

    भगवान शिव पूजन मंत्र (Som Pradosh Vrat 2025 Puja Mantra)

    • ॐ नमः शिवाय॥
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।