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    Skanda Sashti पर इस विधि से करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, खुशियों से भर जाएगा घर

    स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2025) का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। यह दक्षिण भारत में पूरी भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग शिव पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा करते हैं जिन्हें स्कंद व मुरुगन स्वामी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि जो साधक इस तिथि पर कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें जीवन की सभी खुशियां मिलती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 30 Dec 2024 06:17 PM (IST)
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    Skanda Sashti Puja Vidhi 2025: स्कंद षष्ठी से जुड़ी प्रमुख बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। स्कन्द षष्ठी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान स्कंद की पूजा का विधान है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। उन्हें मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्यम के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि भगवान मुरुगन की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाले दुखों का अंत हो जाता है। साथ ही इस कठिन व्रत का पालन करने से भक्तों को समृद्ध जीवन मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी (Skanda Sashti 2025) 05 जनवरी को मनाई जाएगी, तो आइए इसकी सही पूजा विधि जानते हैं।

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    स्कन्द षष्ठी डेट और टाइम (Skanda Sashti Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 04 जनवरी को देर रात 10 बजे शुरू होगी, जबकि इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 05 जनवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगी। ऐसे में पंचांग को देखते हुए 05 जनवरी, 2025 को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी। यह नए साल में पड़ने वाली पहली स्कन्द षष्ठी होगी, जब भक्त भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करेंगे।

    स्कंद षष्ठी पूजन विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi 2025)

    सबसे पहले सुबह उठें और पवित्र स्नान करें। अपने घर और मंदिर को साफ करें। भगवान के लिए घर पर ही प्रसाद तैयार करें। एक चौकी पर भगवान कार्तिकेय की तस्वीर स्थापित करें। उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं। चंदन का तिलक लगाएं और पीले फूलों की माला अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाएं। ऋतु फल और घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। स्कंद भगवान के मंत्रों का जाप करें।

    साथ ही आरती से पूजा को पूरी करें। इस दिन तामसिक कार्यों से दूर रहें। गरीबों को दान-दक्षिणा दें। साथ ही प्रसाद से अगले दिन व्रत का पारण करें।

    स्कंद षष्ठी पर इन मंत्रों से करें पूजा (Skanda Sashti Mantra)

    • ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।।
    • देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
    • ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।