Skanda Sashti 2025: आज है स्कंद षष्ठी, इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी हर इच्छा
स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2025 Date) का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। यह पर्व दक्षिण भारत में ज्यादा भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त कार्तिकेय जी की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन पर कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें मुरुगन स्वामी का सदैव के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। स्कन्द षष्ठी का व्रत अपने आप में विशेष है। इस दिन भगवान स्कंद की पूजा होती है, जिन्हें मुरुगन, कार्तिकेयन और सुब्रमण्यम आदि नामों से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन भावपूर्ण उपवास रखते हैं और भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। कहते हैं कि इस दिन का व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का नाश होता है। साथ ही शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी (Skanda Sashti 2025) 05 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है, तो चलिए यहां पर इसकी पूजा विधि से लेकर सबकुछ जानते हैं।
भगवान मुरुगन भोग - केला, गुड़, शहद, और इलायची।
भगवान मुरुगन प्रिय फूल - गुलाब और चंपा।
स्कंद देव पूजा विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi 2025)
सुबह जल्दी उठें और पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लें और मंदिर को साफ करें। एक वेदी पर भगवान के भगवान कार्तिकेय की तस्वीर स्थापित करें। उन्हें गंगाजल, पंचामृत और शुद्ध जल से स्नान करवाएं। सफेद व गोपी चंदन का तिलक लगाएं। फूलों की माला अर्पित करें। देसी घी का दीया जलाएं। ऋतु फल और घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। स्कंद भगवान के वैदिक मंत्रों का जाप करें। स्कंद देव की जन्म कथा का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। व्रत का पारण प्रसाद से अगले दिन करें।
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स्कन्द षष्ठी शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti Shubh Muhurat)
शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का समापन आज यानी 05 जनवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 05 जनवरी, 2025 यानी आज स्कंद षष्ठी मनाई जा रही है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। वहीं, निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
स्कंद पूजा मंत्र (Skanda Bhagwan Puja Mantra)
1. ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात।।
2. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
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