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    Sita Navami 2025: हर महिला को अपनाने चाहिए मां सीता के ये गुण, वैवाहिक जीवन में बना रहेगा प्यार

    वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 05 मई को सीता नवमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भक्त भगवन श्रीराम के संग मां सीता की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार सीता नवमी के दिन पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 05 May 2025 10:37 AM (IST)
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    Sita Navami 2025: सीता नवमी का शुभ मुहूर्त

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी (Sita Navami 2025) का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और मां सीता की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान भी किया जाता है। इस दिन मां सीता के मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है।  

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, सीता नवमी (Goddess Sita virtues) के दिन इन शुभ कामों को करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आज के समय में मां सीता को एक आदर्श और श्रेष्ठ महिला के रूप में देखा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर मां सीता (married life tips) के वे कौन-से हैं, जिन्हें जीवन में अपनाने से वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।

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    पतिव्रता- मां सीता ने जीवन में हमेशा पतिव्रता धर्म का पालन किया। उन्होंने पतिव्रता धर्म को ध्यान में रखते हुए भगवान श्रीराम के प्रति को आत्म समर्पित कर दिया। सभी कठिन परिस्थिति में मां सीता ने हमेशा प्रभु श्रीराम का साथ दिया।

    सभी सुखों का त्याग- इसके अलावा मां सीता ने ऐसे कई उदाहरण पेश किए हैं, जिन्हें जीवन में अपनाने से रिश्तों में मधुरता आती है। मां सीता ने सभी सुखों का त्याग कर भगवान श्रीराम के साथ वनवास जाने का फैसला लिया। जो महिलाएं सभी सुखों को छोड़ कर अपने पति का साथ देती हैं। वो महिलाएं पुरुषों की पसंद में शामिल होती हैं।

    साहस- मां सीता के जीवन में कई कठिन समस्या आई, लेकिन उन्होंने साहस का प्रदर्शन किया। मां सीता के इस गुण को हर महिला को जीवन में अपनाना चाहिए। इससे  महिला का जीवन खुशियों से भरा रहता है।

    कब है सीता नवमी? (Sita Navami 2025 Date And Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 मई को सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 6 मई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर होगा। इस प्रकार आज यानी 5 मई को सीता नवमी का पर्व मनाया जा रहा है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।