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    Sita Navami 2025: आज है सीता नवमी, जानें पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

    सीता नवमी माता सीता को समर्पित है। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। इस साल सीता नवमी (Sita Navami 2025 Puja Muhurat) 5 मई यानी आज के दिन मनाई जा रही है तो आइए इस दिन जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 05 May 2025 09:00 AM (IST)
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    Sita Navami 2025: सीता नवमी का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज 5 मई 2025, सीता नवमी का पावन दिन है। यह दिन माता सीता के जन्म का प्रतीक है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सीता की पूजा करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, तो आइए यहां सीता नवमी (Sita Navami 2025) की पूजा विधि से लेकर सभी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

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    पूजा समय (Sita Navami 2025 Puja Time)

    सीता नवमी के दिन पूजा करने का शुभ समय सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

    सीता नवमी पूजा विधि (Sita Navami 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह उठें स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
    • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
    • एक वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
    • माता सीता और भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें।
    • हाथ में जल, अक्षत, और फूल लेकर माता सीता का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लें।
    • माता सीता और भगवान राम का आवाहन करें।
    • उन्हें मौली, अक्षत, चंदन, सिंदूर, पुष्प, धूप, दीप, फल और मिठाई आदि चढ़ाएं।
    • माता सीता के मंत्रों का जाप करें।
    • सीता नवमी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
    • अंत में माता सीता और भगवान राम की आरती करें।
    • पूजा के बाद भोग घर के सदस्यों और अन्य लोगों में बांटें।

    पूजा मंत्र (Sita Navami 2025 Puja Mantra)

    • ॐ सीतायै नमः।।
    • ॐ श्री सीतायै नमः।।
    • श्री सीता-रामाय नमः।।
    • ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे भूमिजायै धीमहि तन्नो सीता प्रचोदयात्।।

    सीता नवमी का महत्व (Sita Navami 2025 Significance )

    सीता नवमी का दिन विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना पूरी होती है। माता सीता को त्याग, समर्पण, और सहनशीलता की प्रतिमूर्ति माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों के जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही इच्छाओं की पूर्ति होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।