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    Shivling Puja Niyam: शिवलिंग पूजा में वर्जित मानी गई हैं ये चीजें, नहीं मिलता पूर्ण फल

    Updated: Tue, 11 Mar 2025 03:55 PM (IST)

    ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भी महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें शिवलिंग (Shivling Puja) पर अर्पित करना वर्जित माना जाता है। अगर आप शिवलिंग पर ये चीजें अर्पित करते हैं तो इससे आपको भगवान शिव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।

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    Shivling Puja Ke Niyam (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शिवलिंग की पूजा (Shivling Puja Niyam) को दौरान शिव जी को भांग, धतूरा, शहद, दूध, दही आदि जैसी कई चीजें अर्पित की जाती हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं, जिन्हें भूलकर भी शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए, वरना आपको इसका शुभ परिणाम नहीं मिलता। इस चीजों से संबंधित पौराणिक कथाएं भी मिलती हैं।

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    इसलिए नहीं चढ़ती तुलसी

    पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी का नाम वृंदा था, जो जलंधर नाम के एक राक्षस की धर्मपत्नी थी। वह एक पतिव्रता नारी थी। उसके पतिव्रता बल के कारण जालंधर को हराना काफी कठिन था। ऐसे में विष्णु जी ने छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग कर दिया और भगवान शिव ने जालंधर का वध किया। इसी कारण से शिव जी पर तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है।

    इस रासक्ष का किया था वध

    शिव जी की पूजा में शंख का उपयोग करना भी शुभ नहीं माना जाता, जिसके पीछे भी एक पौराणिक कथा मिलती है। कथा के अनुसार, दैत्य शंखचूड से सभी देवी-देवता परेशान थे। ऐसे में भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से उस दैत्य को भस्म कर दिया। उस भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई। इसलिए शिवलिंग पूजा में शंख का इस्तेमाल करना वर्जित होता है।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    न चढ़ाएं ये चीजें

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्रीफल का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु की धर्मपत्नी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस भी चीज का संबंध मां लक्ष्मी से होता है, उसे कभी भी शिव जी को अर्पित नहीं करना चाहिए, वरना इससे साधक को शुभ परिणाम नहीं मिलते। इसी के साथ सिंदूर, हल्दी, केतकी और कनेर के फूल, नारियल का पानी व टूटे हुए चावल भी शिव जी को अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।