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    विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित है महादेव का ये मंदिर, जहां मां पार्वती ने की थी तपस्या

    देशभर में भगवान शिव को समर्पित कई मंदिर हैं। जहां भक्त अधिक संख्या में पहुंचकर महादेव के दर्शनों का लाभ उठाते हैं। इनमें उत्तराखंड का तुंगनाथ मंदिर (Tungnath temple) भी शामिल है। यह मंदिर महादेव को समर्पित है। यह मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर को महादेव को प्रसन्न करने के लिए पांडवों ने बनवाया था।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 05 Mar 2025 02:27 PM (IST)
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    Tungnath temple: किसने बनवाया था तुंगनाथ मंदिर?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व बताया गया है। महादेव को सोमवार का दिन प्रिय है। इस दिन भक्त सुबह महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही शिव जी को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाते हैं और इस दिन महादेव के दर्शनों (Tungnath temple darshan) के लिए मंदिर का प्लान बनाते हैं।

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    अगर आप भी किसी मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो उत्तराखंड में स्थित तुंगनाथ मंदिर (highest shiva temple) जरूर जाएं। यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। पंच केदारों में तुंगनाथ मंदिर शामिल है। ऐसे में आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें।

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    तुंगनाथ मंदिर का इतिहास (Tungnath Temple History)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुंगनाथ मंदिर का निर्माण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पांडवों ने किया था। इस मंदिर को भारतीय वास्तुकला शैली में बनाया गया है।

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर मां पार्वती ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान राम जी ने रावण का अंत करने के बाद इसी स्थान पर तपस्या की थी। क्योंकि रावण ब्राह्मण था, तो राम जी को ब्रह्महत्या दोष लगा था, जिससे मुक्ति पाने के लिए राम जी ने तपस्या की थी।  

    इस मंदिर की कुछ दूरी पर चंद्रशिला मंदिर है। इस मंदिर के दर्शन न करने से तुंगनाथ मंदिर में विराजमान महादेव के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। यह मंदिर समुद्र तल से करीब 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की सुंदरता बेहद खास है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अधिक बर्फबारी होने की वजह से तुंगनाथ मंदिर नवंबर और मार्च के बीच में बंद रहता है। यह मंदिर महादेव के प्रमुख मंदिरों में शामिल है।

    कैसे पहुंचें तुंगनाथ मंदिर?

    अगर आप तुंगनाथ मंदिर जाना चाहते हैं, तो इसके लिए हवाई मार्ग, रेल मार्ग या फिर सड़क मार्ग के द्वार मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।  

    हवाई मार्ग के द्वारा जाने के लिए तुंगनाथ मंदिर के पास देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। यहां से आप आप कैब के द्वारा चोपता के पास पैंगर गांव तक पहुंच सकते हैं।

    आप ट्रेन के द्वारा भी मंदिर पहुंच सकते हैं। इस मंदिर के पास देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश स्टेशन हैं। जहां से आप बस या टैक्सी की मदद से चोपता तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा बस की भी मदद ले सकते हैं। इसके लिए आप बस से पैंगर गांव पहुंच सकते हैं। यहां से टैक्सी के द्वारा चोपता पहुंचा जा सकता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।