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    Shardiya Navratri 2025: कैसे खोलें नवरात्र का व्रत, बिल्कुल भी न करें ये गलतियां

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 10:00 AM (IST)

    इस बार शारदीय नवरात्र का पर्व 10 दिनों तक चलने वाला है। इस दौरान साधक अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार अष्टमी या फिर नवमी तिथि पर कन्या पूजन के बाद नवरात्र व्रत (navratri 2025) का पारण करते हैं। चलिए जानते हैं अष्टमी और नवमी तिथि पर व्रत खोलने की विधि ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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    Shardiya Navratri 2025: नवरात्र व्रत पारण की विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि विशेष महत्व रखती है, क्योंकि साधक इन्हें दिनों पर नवरात्र व्रत का पारण करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) में अष्टमी पूजन 30 सितंबर को किया जाएगा, वहीं नवमी पूजन 1 नवंबर को होगा। ऐसे में चलिए जानते हैं कि पूर्ण फल प्राप्ति के लिए आप किस तरह नवरात्र का व्रत खोल सकते हैं।

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    इस तरह करें व्रत

    नवरात्र की अष्टमी या नवमी तिथि पर सुबह स्नान आदि के बाद परिवार के साथ मिलकर माता रानी की विधि-विधान से पूजा करें। माता रानी को भोग हवला, पूरी और चने का भोग लगाएं। माता को लाल या फिर पीले रंग के फूल अर्पित करें। अंत में दीपक जलाकर माता की आरती करते हुए सभी लोगों में प्रसाद बांटें। इसके बाद घर में 7, 9 या फिर 11 कन्याओं को आमंत्रित करें।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    एक लांगूर भी जरूर बुलाएं। इसके बाद श्रद्धाभाव से उनका स्वागत करें और उन्हें भोजन करवाएं। अंत में विदा करते हुए उन्हें कुछ उपहार या धन दें और उनका आशीर्वाद लें। साथ ही नवरात्र व्रत के पारण के दिन हवन भी जरूर करवाना चाहिए। इसके साथ ही आप इस दिन पर दुर्गा सप्तशती व मां दुर्गा के मंत्रों का जप कर सकते हैं। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

    भूल से भी न करें ये गलतियां

    कन्या पूजन के दौरान किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें। इस बात का ध्यान रखें कि घर आई कन्याओं को कभी भी खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। आप अपनी क्षमता के अनुसार, उन्हें कोई उपहार या फिर पैसे भी दे सकते हैं। साथ ही उन्हें थोड़ा-थोड़ा प्रसाद भी दें। इसके साथ ही व्रत खोलने के बाद भी पूरा दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।