Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Durga Ashtami 2025: महाअष्टमी पर शोभन योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना लाभ

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 08:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में महाअष्टमी (Durga Ashtami 2025 Yoga) तिथि का खास महत्व है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। महाअष्टमी के शुभ अवसर पर मंदिरों में देवी मां जगदंबा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर दान-पुण्य किया जाता है।

    Hero Image
    Durga Ashtami 2025: महाअष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 30 सितंबर को शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर देवी मां गौरी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मां गौरी के निमित्त व्रत रखा जाएगा। अष्टमी तिथि पर संधि पूजा भी की जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर शोभन योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां गौरी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल मिलेगा। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-  

    महाअष्टमी शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। महा अष्टमी का व्रत  30 सितंबर को रखा जाएगा। 30 सितंबर को संधि पूजा संध्याकाल में 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 30 मिनट तक है।

    महाअष्टमी शुभ योग (Durga Ashtami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शोभन योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। शोभन योग का संयोग देर रात 01 बजकर 03 मिनट तक है। इसके साथ ही संध्याकाल में 06 बजकर 06 मिनट से शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में देवी मां जगदंबा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर
    • चंद्रोदय- दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से...
    • चन्द्रास्त- रात 11 बजकर 51 मिनट तक
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 29 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन करें इन मंत्रों का जप, मिलेगा मनचाहा वरदान

    यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 5th Day: मां स्कंदमाता की किस विधि से करें पूजा? क्या है उनका प्रिय भोग और रंग

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।