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    Shardiya Navratri 5th Day: मां स्कंदमाता की किस विधि से करें पूजा? क्या है उनका प्रिय भोग और रंग

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 02:26 PM (IST)

    Shardiya Navratri 5th Day पांचवां दिन मां स्कंदमाता की पूजा का दिन होता है। मां के बारे में कहा जाता है कि वह अपने संतानों खूब स्नेह लुटाती हैं। इनकी पूजा से संतान सुख मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। इनकी पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियां खुद ब खुद दूर हो जाती हैं। विघ्न-बाधा भी खत्म होती है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता,मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 5th Day: नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप यानी मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। संतान सुख, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति के लिए यह महत्वपूर्ण है।

    दूरी होतीं नकारात्मक शक्तियां

    आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि यह मां अपने भक्तों पर स्नेह लुटाती हैं। मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और कार्यों की विघ्न-बाधा भी खत्म होती है।

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    पंडित कमलापति त्रिपाठी

    स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि की पंचमी तिथि पर की जाती है। स्कंदमाता की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने व व्रत करने से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    मां स्कंदमाता का स्वरूप

    मां की गोद में स्कंद देव विराजमान हैं। मां खुद कमल के आसन पर विराजमान हैं। इस कारण मां स्कंदमाता को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां का वाहन सिंह है। मान्यता है कि मां भगवती के पंचम स्वरूप की उपासना करने से संतान से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं।

    पूजा विधि

    • स्नान और शुद्धिकरण: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • प्रतिमा स्थापित करें: घर के पूजा स्थल या मंदिर में चौकी पर मां स्कंदमाता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। मां को गंगाजल से स्नान कराएं, षोडशोपचार पूजन करें।
    • पुष्प और अक्षत: मां स्कंदमाता को कमल का फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
    • मंत्र जाप: "ॐ देवी स्कंदमातायै नमः" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
    • आरती और दुर्गासप्तशती पाठ: मां स्कंदमाता की आरती करें और दुर्गासप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।

    प्रिय भोग और रंग

    • केले का भोग: मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना विशेष फलदायी होता है।
    • पीला रंग: मां स्कंदमाता को पीला रंग प्रिय है, इसलिए पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

    पूजा का महत्व

    • संतान सुख: मां स्कंदमाता की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति आती है।
    • आध्यात्मिक उन्नति: मां स्कंदमाता की पूजा से आध्यात्मिक उन्नति होती है और भक्तों को ज्ञान, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
    • नकारात्मक ऊर्जा का नाश: मां स्कंदमाता की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।