Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 2025: सिद्धियां प्रदान करती हैं मां सिद्धिदात्री, इस तरह करें देवी को प्रसन्न

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:00 AM (IST)

    आज यानी 1 अक्टूबर को महानवमी मनाई जा रही है। कई साधक इस दिन पर नवरात्र व्रत का पारण करते हैं और कन्या पूजन करते हैं। मां सिद्धिदात्री नवरात्र देवी दुर्गा का नौवां और अंतिम स्वरूप हैं जो साधक को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि कथा और मंत्र।

    Hero Image
    Shardiya Navratri 2025 Day 9 Maa Siddhidatri puja vidhi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के आखिरी यानी नौवें दिन (day 9 navratri) मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना का विधान है। मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की बात करें, तो माता कमल पर विराजमान हैं और चार भुजाओं वाली हैं। इस स्वरूप में देवी ने अपने एक हाथ में शंख, दूसरे में गदा, तीसरे में कमल और चौथे हाथ में च्रक धारण किया हुआ है। मां सिद्धिदात्री देवी दुर्गा के समान सिंह की सवारी करती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

    सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की तस्वीर स्थापित करें। पूजा में देवी के इस स्वरूप को रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, फूल, फल, मिठाई नारियल और चुनरी आदि अर्पित करें।

    भोग के रूप में देवी को लवा, पूड़ी और चना अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर माता की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें। इस दिन पर 9 कन्याओं का पूजन कर अपने व्रत का पारण करें और हवन का भी आयोजन करें।

    मां सिद्धिदात्री की कथा

    पौराणिक कथा के अनुसार, जब सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो गए, तब ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपने तेज से मां सिद्धिदात्री को उत्पन्न किया। ऐसी मान्यता यह भी है कि भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठिन साधना की, जिससे उन्हें देवी से अणिमा, महिमा, गरिमा जैसी आठ सिद्धियां प्राप्त हुईं। इसके बाद भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए।

    मां सिद्धिदात्री के मंत्र

    1. बीज मंत्र -

    'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः'.

    2. स्तुति मंत्र -

    'या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।'.

    3. पूजन मंत्र -

    'ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः'

    4. अन्य मंत्र - 

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।


    ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः

    ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै


    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    यह भी पढ़ें - Shardiya navratri 2025: अष्टमी और नवमी के दिन इन मूलांकों की चमकेगी किस्मत, सभी मुरादें होंगी पूरी

    यह भी पढ़ें - Shardiya Navratri 9th Day: मां सिद्धिदात्री की पूजा कैसे करें? नवरात्र के अंतिम दिन और क्या-क्या करें?

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।