Shardiya Navratri 9th Day: मां सिद्धिदात्री की पूजा कैसे करें? नवरात्र के अंतिम दिन और क्या-क्या करें?
Shardiya Navratri 9th Day मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन की जाती है। मां सिद्धिदात्री भगवान शिव को भी सिद्धि प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। मां को माता सरस्वती का एक रूप भी कहा गया है। इसलिए इनकी पूजा का विशेष महत्व है। भोग लगाने के बाद मां सिद्धिदात्री की आरती का विशेष फल मिलता है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 9th Day: नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री सिद्धियां और मोक्ष देती हैं। उनकी पूजा करने से सारे काम पूरे होते हैं। मोक्ष मिलता है।
आध्यात्मिक गुरु पंडित कमला पति त्रिपाठी प्रमोद ने कहा कि नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का खास महत्व है। मां कमल के फूल पर बैठती हैं। उनकी पूजा में नौ तरह के फल और फूल चढ़ाए जाते हैं। उन्हें विद्या और कला की देवी सरस्वती का रूप भी माना जाता है।
माता सिद्धिदात्री के पास आठ सिद्धियां
भक्त नवरात्रि के नौ दिनों तक उपवास और पूजा-अर्चना करके मां दुर्गा की कृपा पाते हैं। उन्हें मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। देवी-देवता, गंधर्व, ऋषि और असुर भी माता सिद्धिदात्री की पूजा करके आठ सिद्धियां प्राप्त कर सकते हैं। अंत में मोक्ष प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
- मां को कमल का फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
मां सिद्धिदात्री का मंत्र क्या है?
- मां सिद्धिदात्री के मंत्र "ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः" का जाप करें।
- मां की आरती करें और दुर्गासप्तशती या अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग क्या है?
मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के भोग लगाते हैं। हलवा, पूरी, चना, फल, खीर और नारियल जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। मान्यता है कि जामुनी या बैंगनी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से विशेष फल मिलता है। भोग लगाने के बाद मां सिद्धिदात्री माता की विशेष रूप से आरती की जाती है। इस दिन तिल का भोग या विभिन्न प्रकार भोग लगाएं। इससे सभी प्रकार के सांसारिक सुखों को प्राप्ति होगी।
कन्या पूजन का विधान
नवरात्रि के 9 वें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं और एक (बालक) का पूजन करने का विधान है। हालांकि अपनी क्षमता के अनुसार 5,3,1 कन्याओं का पूजन भी किया जा सकता है। कन्या पूजन में कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा दी जाती है। उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
मां की पूजा के लाभ
मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
मां की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा से आत्म-विश्वास और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
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