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    Shardiya Navratri 2025 Date: कब से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र? यहां नोट करें घटस्थापना का शुभ समय

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:00 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Navratri dates 2025) के दौरान मंदिरों में जगत की देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा और साधना की जाती है। जगत की देवी मां दुर्गा के शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। शारदीय नवरात्र का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

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    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तजन की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    सनातन शास्त्रों में जगत जननी मां दुर्गा की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। देवी मां दुर्गा नवरात्र के दौरान पृथ्वी लोक पर निवास करती हैं। उनकी कृपा भक्तों पर बरसती हैं। आइए, शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Start and End Date)

    वैदिन पंचांग के अनुसार, शारदीय माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सोमवार 22 सितंबर को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 सितंबर को देर रात 02 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन घटस्थापना कर देवी मां दुर्गा की पूजा की जाएगी।

    घटस्थापना समय

    वैदिक गणना अनुसार, 22 सितंबर को घटस्थापना का शुभ समय प्रातः काल (सुबह) 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक है। इसके साथ ही  अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के मध्य भी घटस्थापना कर सकते हैं। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर घटस्थापना नवरात्र त्योहार की शुरुआत कर सकते हैं।

    शुभ योग

    शारदीय नवरात्र के पहले दिन यानी घटस्थापना तिथि पर शुक्ल और ब्रह्म योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 30 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 03 बजकर 03 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।