Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shardiya Navratri 2023 Day 8th: इस स्तुति के साथ करें महागौरी चालीसा का पाठ, विवाह संबंधी अड़चने होंगी दूर

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 09:04 AM (IST)

    Shardiya Navratri 2023 Day 8th अष्टमी का दिन मां महागौरी को समर्पित है। मां भगवती का रूप पूर्णतः गौर वर्ण का है। मां हाथों में शंख चंद्र और कुंद के फूल धारण करती हैं। साथ ही माता महागौरी को सफेद वस्त्र अति प्रिय है। मां के इस स्वरूप की पूजा से विवाह संबंधी अड़चने दूर होती हैं।

    Hero Image
    Shardiya Navratri 2023 Day 8th

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shardiya Navratri 2023 Day 8th: सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान भक्त मां भगवती की आराधना करते हैं। अष्टमी का दिन मां महागौरी को समर्पित है। मां भगवती का रूप पूर्णतः गौर वर्ण का है। मां हाथों में शंख, चंद्र और कुंद के फूल धारण करती हैं। साथ ही माता महागौरी को सफेद वस्त्र अति प्रिय है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मां के इस स्वरूप की पूजा से विवाह संबंधी अड़चने दूर होती हैं। अष्टमी के दिन महागौरी चालीसा और स्तुति का पाठ बेहद शुभ माना गया है, ऐसे में साधक को महागौरी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

    यह भी पढ़ें : Shardiya Navratri Day 8th Maa Mahagauri 2023: इस विधि से करें मां महागौरी की पूजा, जानें खास मंत्र और महत्व

    'महागौरी चालीसा'

    मन मंदिर मेरे आन बसो,आरंभ करूं गुणगान,

    गौरी मां मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।

    पूजन विधि न जानती, पर श्रद्धा है आपर,

    प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे मा प्राण आधार।

    नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता,

    शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।

    आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,

    महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।

    सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मों से कभी हटु ना,

    सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।

    हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो,

    मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु।

    परम आराध्या आप हो मेरी, फ़िर क्यूं वर मे इतनी देरी,

    हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोड़े में बरकत भर दीजियो।

    अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना,

    गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।

    देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर मै पाते,

    श्रद्धा भाव जो ले कर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।

    हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा,

    जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।

    शिव भी आपका काहा ना टाले, दया द्रष्टि हम पे डाले,

    जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।

    सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती,

    दया द्रष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।

    जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,

    जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।

    सता गुन की हो दता आप, हर इक मन की ग्याता आप,

    काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।

    दुख संताप मिटा देना मां, मेघ दया के बरसा देना मां,

    जबही आप मौज में आय, हठ जय मां सब विपदाएं।

    जीसपे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,

    फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।

    अवगुन मेरे ढक देना मां, ममता आंचल कर देना मां,

    कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।

    बिन पाऊ न गुन मां तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,

    जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।

    आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार,

    निर्मल मन जो शरण मे आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।

    संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को मां संभव कर दो,

    आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।

    अपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली,

    मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।

    चालीसा जो भी पढे-सुनाया, सुयोग्य वर वरदान मे पाए,

    आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।

    गौरी मां विनती करूं, आना आपके द्वार,

    ऐसी मां कृपा किजिए, हो जाए उद्धहार।

    हीं हीं हीं शरण मे, दो चरणों का ध्यान,

    ऐसी मां कृपा कीजिए, पाऊं मान सम्मान।

    महागौरी स्तुति 

    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता.

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'