Shani Sade Sati: मीन राशि के जातकों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न
मीन राशि के जातकों पर शुक्र देव की विशेष कृपा बरसती है। इस राशि में शुक्र देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही देवगुरु बृहस्पति की कृपा से मीन राशि के जातक धार्मिक स्वभाव के होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। वहीं, मेष राशि के जातकों को साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। जबकि, मकर राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि मीन राशि के जातकों को कब शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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मीन राशि
मीन राशि के स्वामी बृहस्पति देव हैं और आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। इस राशि का शुभ रंग पीला है और शुभ अंक 09 और 12 है। मीन राशि के जातकों पर भगवान विष्णु और सुखों के कारक शुक्र देव की विशेष कृपा रहती है। भगवान कृष्ण की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव की कृपा से मीन राशि के जातकों को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। इस राशि के जातकों के लिए पुखराज बेहद शुभ होता है। अत: मीन राशि के जातक ज्योतिष से सलाह लेकर पुखराज धारण कर सकते हैं।
कब समाप्त होगी शनि की साढेसाती?
न्याय के देवता शनिदेव 03 जून, 2027 को शनिदेव अपनी चाल बदलेंगे। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा। वहीं, शनिदेव के वृषभ राशि में गोचर करने से मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। ज्योतिष गणना से 8 अगस्त, 2029 को शनिदेव वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न?
मीन राशि के जातक मंगलवार और शनिवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल का अर्घ्य दें। इस समय तीन बार परिक्रमा करें।
साथ ही शनिवार के दिन चमड़े के जूते -चप्पल, काले तिल, छतरी और अन्न एवं धन का दान करें। वहीं, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। वहीं, पूजा के बाद पीले रंग की चीजों का दान करें।
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