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    कब है शनि जयंती, नोट कीजिए तारीख और वो उपाय, जिनसे मिलेगी राहत

    इंसान को उसके कर्मों का फल शनिदेव देते हैं। न्याय के देवता व्यक्ति की ईमानदारी और नैतिक मूल्यों के आधार पर चलने वाले को पीड़ा कम देते हैं। यदि आप भी किसी तरह की शनि की पीड़ा से गुजर रहे हैं तो आप शनि जयंती पर कुछ उपाय करके राहत पा सकते हैं।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Tue, 06 May 2025 02:04 PM (IST)
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    मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं शनिदेव।

    धर्म डेस्क, नईदिल्ली। ज्योतिष में न्याय के देवता और कर्मदंड देने के अधिकारी भगवान सूर्य और छाया के पुत्र शनिदेव हैं। वह व्यक्तियों को उनके पूर्व और वर्तमान कर्मों के अनुसार फल देते हैं। उनका जन्म ज्येष्ठ अमावस्या के दिन हुआ था। इस साल शनि जयंती 27 मई 2025 को मनाई जाएगी।

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    यह दिन शनि की पीड़ा से गुजर रहे लोगों के लिए खास हो जाता है। दरअसल, इस दिन किए जाने वाले उपायों से शनिदेव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। हालांकि, ऐसा तो नहीं होगा कि इस दिन पूजा करने से वह दंड देना कम कर देंगे।

    मगर, यदि व्यक्ति अपनी जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगता है और सच में पश्चाताप करता है, तो शनि की पीड़ा में कुछ कमी जरूर आ जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वह मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। लिहाजा, इस दिन इन दोनों लग्नों या राशियों के जातकों को भी शनि को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए।

    शनि जयंती 2025 का मुहूर्त (Shani Jayanti 2025 Date And Time)

    शनि जयंती 27 मई 2025 को अमावस्या तिथि में मनाई जाएगी। इस तिथि की शुरुआत 26 मई 2025 को दोपहर 12:11 बजे से होगा और इसकी समाप्ति 27 मई 2025 को सुबह 08:31 बजे होगी। उदिया तिथि की मान्यता की वजह से 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक रहेगा।

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    इन उपायों को करने से मिलेगी राहत 

    छाया दान- शनि मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा पाठ करें। इसके बाद स्टील या लोहे के एक कटोरे में सरसों का तेल भरकर उसमें अपनी छवि देखें। उस तेल और कटोरे को किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें।

    शनि का दान- शनि जयंती पर गरीबों, असहाय और जरूरतमंदों को कंबल, स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द, काले वस्त्र, लोहा आदि का दान करें। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें।

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    हनुमान जी की पूजा- रावण के चंगुल से जब हनुमान जी ने शनिदेव को बचाया था, तो उन्होंने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो भी आपकी पूजा करेगा, उसे मैं परेशान नहीं करूंगा। लिहाजा, शनि जयंती पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि पीड़ा से गुजर रहे लोगों को राहत मिलगी।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।