Shani Jayanti 2025: शनि जयंती की रात इन जगहों पर जलाएं दीपक, शनि दोष से मिलेगा छुटकारा
शनि जयंती का दिन शनिदेव की पूजा और उनका आशीर्वाद पाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से और दान-पुण्य करने से जीवन में बरकत बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शनि जयंती (Shani Jayanti 2025) 27 मई 2025 को मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनि जयंती का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल शनि जयंती 27 मई, 2025 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस विशेष दिन (Shani Jayanti 2025) पर कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, तो आइए उन स्थानों के बारे में जानते हैं।
पीपल के वृक्ष के नीचे
पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास माना जाता है और शनिदेव को यह वृक्ष विशेष रूप से प्रिय है। शनि जयंती की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। यह उपाय शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने में भी सहायक माना जाता है।
शनि मंदिर
शनि जयंती के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाता है। मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाने से उनकी सीधी कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही आप शनिदेव को काले तिल, नीले फूल और तेल भी अर्पित कर सकते हैं।
घर के पूजा स्थल पर
अगर आप शनि मंदिर नहीं जा सकते हैं, तो घर के पूजा स्थल पर भी शनिदेव के नाम से दीपक जला सकते हैं। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय शनि मंत्र 'ओम शनैश्चराय नमः' का जाप करें।
भैरव मंदिर
भैरव देव को शनिदेव का गुरु माना जाता है। मान्यता है कि शनि जयंती की रात भैरव मंदिर में दीपक जलाने से शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। भैरव देव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है और जीवन में खुशहाली आती है।
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हनुमान मंदिर
शनि जयंती की रात हनुमान मंदिर में दीपक जलाने से भी शनि दोष शांत होता है। ऐसे में इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। उन्हें सिंदूर अर्पित करें और फिर भाव के साथ दीपक जलाएमना भी इस दिन शुभ माना जाता है।
दीपक जलाने के साथ करें ये काम (Shani Jayanti 2025 Par Karen Ye Kaam)
- गरीबों और जरूरतमंदों को काले वस्त्र, जूते व अनाज का दान करें।
- इस दिन किसी भी गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान न करें।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल और उड़द की दाल का भी दान कर सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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