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    Vrishabha Sankranti 2025: आज वृषभ संक्रांति पर इस विधि से करें पूजा, जानिए इसका महत्व

    Updated: Thu, 15 May 2025 09:08 AM (IST)

    वृषभ संक्रांति का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। पंचांग के आधार पर आज यानी 15 मई को वृषभ संक्रांति (Vrishabh Sankranti 2025) का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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    Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज वृषभ संक्रांति का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन हिंदुओं के बीच बहुत महत्व रखता है। यह संक्रांति न केवल मौसम के बदलाव का प्रतीक है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य देव के 12 अलग-अलग राशियों में गोचर करने पर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में साल में कुल 12 संक्रांति पड़ती हैं। कहते हैं कि इस तिथि पर इस सूर्य देव की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही जीवन में बरकत बनी रहती है।

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    शुभ मुहूर्त (Vrishabha Sankranti 2025 Yog)

    हिंदू पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। शिव योग सुबह 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। फिर सिद्ध योग शुरू हो जाएगा।

    वृषभ संक्रांति का महत्व (Vrishabha Sankranti 2025 Significance)

    वृषभ संक्रांति का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। धार्मिक दृष्टिकोण से वृषभ संक्रांति को दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान और पूजा-पाठ से शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

    वृषभ संक्रांति की पूजा विधि (Vrishabha Sankranti 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
    • पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • जल में लाल फूल, चावल और कुमकुम आदि चीजें डालें।
    • सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें, जैसे - 'ओम सूर्याय नमः' या 'ओम घृणि सूर्याय नमः'।
    • घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
    • सूर्य देव को गुड़, फल या घर पर बनी अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
    • अंत में आरती करें।
    • पूजा में हुई भूल-चूक के लिए माफी मांगे।
    • अपनी क्षमतानुसार अनाज, वस्त्र या धन का दान करें।
    • इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है।
    • इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।

    वृषभ संक्रांति पूजन मंत्र (Vrishabha Sankranti 2025 Puja Mantra)

    • ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
    • ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।

    विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।

  • ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्नो भानुः प्रचोदयात्।।
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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।