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    Shani Jayanti 2025: दुर्लभ कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र में मनाई जाएगी शनि जयंती, मिलेगा अक्षय फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 25 May 2025 04:23 PM (IST)

    ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव (Shani Jayanti 2025) को न्याय के देवता कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले जातकों को शनिदेव शुभ फल देते हैं। शनिदेव की कृपा से जातक अपने जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं। शनि जयंती पर न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है।

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    Shani Jayanti 2025: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 27 मई को शनि जयंती है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते शनि जयंती का महत्व और बढ़ गया है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की विशेष पूजा की जाती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कई मंगलकारी योग का संयोग बन रहा है। शनि जयंती कृत्तिका और रोहणी नक्षत्र में मनाई जाएगी। इस योग में शनिदेव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, शनि जयंती की सही डेट (Shani Jayanti 2025 Kab Hai), शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कब है शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Kab Hai)

    हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। सनातन धर्म शास्त्रों में निहित है कि न्याय के देवता का अवतरण ज्येष्ठ अमावस्या के दिन हुआ है। इसके लिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या पर शनिदेव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए साधक व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

    शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 27 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।

    नक्षत्र एवं करण

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन प्रातः काल 05 बजकर 32 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र है। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र का संयोग है। रोहिणी नक्षत्र देर रात 02 बजकर 50 मिनट तक है। ज्योतिष रोहिणी नक्षत्र को बेहद शुभ मानते हैं। जैन धर्म में रोहिणी नक्षत्र का खास महत्व है। वहीं, संध्याकाल में बव करण का संयोग बन रहा है। इन योग में शनिदेव की पूजा करने से साधक पर न्याय के देवता की विशेष कृपा बरसेगी।

    शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti Shubh Yoga)

    शनि जयंती के दिन एक साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इस शुभ अवसर पर सुबह में  सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। वहीं, देर रात 10 बजकर 54 मिनट तक सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक शिववास योग है। इस योग में भगवान शिव की पूजा एवं भक्ति करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 49 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।