Shani jayanti 2025: शनि जयंती पर सरसों के तेल से करें ये उपाय, सुख-शांति के साथ मिलेगा अपार धन!
ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती (Shani jayanti 2025) मनाई जाती है जो शनिदेव को समर्पित है। इस दिन सरसों के तेल से जुड़े कुछ खास उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। वहीं शनि जयंती पर सरसों का तेल शनिदेव को चढ़ाने और गरीबों को दान करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल शनि जयंती भक्तिभाव के साथ मनाई जाती है। यह दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन (Shani jayanti 2025) छाया पुत्र की पूजा करने से जीवन की सभी भय-बाधाओं का नाश होता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को खुश करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं, जिनमें सरसों के तेल का विशेष महत्व है, क्योंकि यह उन्हें बहुत प्रिय है, तो आइए इस आर्टिकल में सरसों के तेल से जुड़े कुछ खास उपाय जानते हैं।
सरसों के तेल से करें ये खास उपाय (Shani Jayanti 2025 Sarso Tel Ke Upay)
शनिदेव को चढ़ाएं
शनि जयंती पर सुबह स्नान के बाद अपने आस-पास के किसी भी शनि मंदिर में जाएं। एक कटोरी में सरसों का तेल लें और उसमें अपनी परछाई देखें। इसके बाद यह तेल शनिदेव को अर्पित करें। इस उपाय को करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों का असर कम होता है। इसके साथ ही शनि कृपा मिलती है।
दीपक जलाएं
शनि जयंती के मौके पर शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप भाव के साथ करें। फिर उसकी 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से शनिदेव खुश होते हैं। इससे साथ ही धन-धान्य में वृद्धि करते हैं।
गरीबों को दान दें
इस शुभ अवसर पर सरसों के तेल से बनी चीजों का दान करें। दान गरीबों और जरूरतमंदों को ही होना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे भगवान शनि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही आर्थिक मुश्किलें दूर होती हैं।
करें ये खास दान
सबसे पहले एक लोहे के कटोरे में सरसों का तेल भरें और फिर उसमें काले तिल और एक सिक्का डालें। इसके बाद इस कटोरे को किसी गरीब या शनि मंदिर में जाकर दान कर दें। इस उपाय को करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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