Shani Jayanti 2025: शनि से हो रहे हैं परेशान, तो जानिए शनि जयंती पर कर सकते हैं क्या उपाय
शनि जयंती 2025 ज्येष्ठ अमावस्या को 27 मई को मनाई जाएगी। शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की साढ़े साती ढैय्या और महादशा से पीड़ित लोगों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है। शनिदेव की पूजा से परेशानियों से राहत मिलती है। शनि पीड़ा से बचने के लिए शनि मंदिर में पूजा करें तेल का दान करें गरीबों को दान करें और हनुमान जी की पूजा करें।

धर्म डेस्क, नईदिल्ली। शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या को हुआ था। इस साल शनि जयंती (Shani Jayanti 2025) 27 मई 2025 को मनाई जाएगी। भगवान सूर्य और छाया के पुत्र शनिदेव व्यक्तियों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसी वजह से मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मदंड अधिकारी भी कहा जाता है।
शनि की साढ़े साती, ढैय्या, पनौती और महादशा में बुरे समय से गुजर रहे लोगों के लिए शनि जयंती का दिन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा करने से उनके द्वारा मिलनी वाली परेशानियों से राहत मिलती है।
लंबे समय तक रहती है शनि की पीड़ा
हालांकि, यह तभी होगा जब व्यक्ति जाने-अनजाने में हुई अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप करते हुए माफी मांगता है। कहते हैं कि शनि की चाल मंद है। इसी वजह से वह जो भी फल देते हैं, धीरे-धीरे देते हैं, लेकिन उनका असर लंबे समय तक रहता है।
यदि उनकी कुदृष्टि आप पर पड़ रही है, तो उनके द्वारा मिलने वाली पीड़ा लंबे समय तक रहेगी और उसका असर भी लंबे समय तक बना रहेगा। लिहाजा, कुछ उपायों को करके आप शनि की पीड़ा से बच सकते हैं या कम से कम उनका असर सीमित कर सकते हैं।
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शनि पीड़ा से बचने के लिए करें ये उपाय
- शनि मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा पाठ करें। शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक लगाएं। सरसों का तेल शनिदेव की मूर्ति पर चढ़ाएं। उनसे जाने-अनजाने में किए कर्मों के लिए क्षमा मांगे।
- स्टील या लोहे के एक कटोरे में सरसों का तेल भर लें। उसमें अपना चेहरा देखकर उसे किसी गरीब व्यक्ति को दान दें या शनि मंदिर में छोड़ दें। इस छाया दान से भी काफी राहत मिलती है।
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- अपने से छोटे कर्मचारियों, गार्ड, रसोइए, गरीबों, अपंगों, भिखारियों को परेशान न करें। उन लोगों को जरूरत का सामान दान करें। विशेष रूप से कंबल, स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द, काले वस्त्र, लोहा का दान करें।
- शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो भी उनकी पूजा करेगा, उसे शनि पीड़ा से नहीं गुजरना होगा। इसलिए हनुमान जी की शरण में जाएं। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ करें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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