Shani Dosh Ke Upay: शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करेंगे ये उपाय
कुंडली में शनि देव से संबंधित दोष होने पर व्यक्ति को शारीरिक आर्थिक और मानसिक कष्ट झेलने पड़ सकते हैं। इससे व्यक्ति के करियर में भी बाधा आने लगती है। इससे मुक्ति के लिए आप कुछ खास उपाय कर सकते हैं। शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने कर्मों पर भी ध्यान देना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसे शनिदेव के क्रोध का सामना न करना पड़े, क्योंकि ऐसा होने पर जीवन में कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में अगर आप शनि की महादशा, साढ़ेसाती या फिर ढैय्या से परेशान हैं, तो इसके लिए कुछ उपाय कर सकते हैं, जिससे आपको इसके प्रभाव से कुछ राहत मिल सकती है।
जरूर करें ये काम
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार का दिन विशेष माना जाता है। इस दिन पर शनिदेव की पूजा-पाठ करें और 11 बार शनि स्तोत्र का पाठ करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की जड़ में पानी में गुड़ और काले तिल मिलाकर अर्पित करें और सात बार इसकी परिक्रमा करें। इन उपायों को करने से आपको अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।
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जरूर करें ये उपाय
शनि दोष से निजात पाने के लिए शनिवार के दिन एक कांसे के कटोरे में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें। इसके बाद इस कटोरे को शनि मंदिर में रख आएं और शनिदेव से अपने कष्टों को दूर करने के लिए विनम्रतापूर्वक प्रार्थना करें।
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मिलेगी शनि दोष से राहत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन शनि देव के साथ-साथ हनुमान जी और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भी आपको शनि दोष से राहत मिल सकती है। इसी के साथ रोजाना खासकर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शनि दोष से राहत पाने का एक बेहतर उपाय है।
मजबूत होगी स्थिति
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो इसके लिए आपको कम-से-कम 19 शनिवार तक व्रत करना चाहिए। अधिक लाभ के लिए लगातार 51 शनिवार तक भी व्रत किया जा सकता है। इससे शनि की स्थिति मजबूत होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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