Shani Dev: शनि प्रकोप से बचाएंगे ये उपाय, साथ ही दिलाएंगे मां लक्ष्मी की कृपा
शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं जिन्हें न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिष दृष्टि से भी शनि ग्रह एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसे में आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनिवार का दिन मुख्य रूप से शनि देव की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन पर शनिदेव की आराधना करने वाले जातक को जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं। इसी के साथ, जो लोग शनि की पीड़ा झेल रहे हैं, उनके लिए भी शनिवार का दिन एक उत्तम दिन है।
ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप किस तरह शनि प्रकोप से बचे रह सकते हैं। इसके साथ ही आपको लक्ष्मी जी की कृपा भी मिल सकती है।
मिलेंगी लक्ष्मी जी की भी कृपा
शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है, क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर दंड या शुभ फल देते हैं। शनि की पीड़ा से बचने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप अपने कर्म ठीक रखें। अगर आप अच्छे कर्म करते रहेंगे, तो शनि प्रकोप से बचे रहेंगे। साथ ही आपको ऊपर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी।
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पीपल के पेड़ के उपाय
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में कई देवी-देवताओं का वास होता है। शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए शनिवार की शाम को पीपल के नीचे घी का दीपक जला सकते हैं। इसी के साथ पीपल के पेड़ की छाया में खड़े होकर एक लोहे के बर्तन में पानी, चीनी, घी और दूध मिलाएं। इसके बाद इसे पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है।
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शनि दोष से मिलेगी राहत
शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की आराधना करने से भी व्यक्ति को शनि की बाधा से राहत मिल सकती है। इसी के साथ आप शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। ऐसा करने से भी साधक शनि प्रकोप से बचा रहता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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