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    Pradosh Vrat 2025: ज्येष्ठ महीने में कब है शनि प्रदोष व्रत? यहां जानें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 12 May 2025 01:20 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat 2025) पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इस शुभ तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक पर शनिदेव की भी कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।

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    Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त त्रयोदशी तिथि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए, शनि प्रदोष की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    ज्येष्ठ माह

    ज्येष्ठ महीने की शुरुआत 13 मई से हो रही है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इसकी शुरुआत एकदन्त संकष्टी चतुर्थी से हो रही है। इसके बाद शनि जयंती और शनि प्रदोष व्रत और अपरा एकादशी समेत कई प्रमुख व्रत मनाए जाएंगे। वहीं, शुक्ल पक्ष में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी समेत कई अन्य त्योहार मनाए जाएंगे।

    कब है शनि प्रदोष व्रत? (Shani Pradosh Vrat 2025 Kab Hai)

    प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। शनिवार के दिन पड़ने के चलते यह शनि प्रदोष व्रत कहलाता है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शनिवार के दिन पड़ रही है। वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, 24 मई को शनि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई को शाम 07 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 25 मई को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में होती है। इसके लिए 24 मई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- देर रात 03 बजकर 33 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 11 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 09 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।