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    Pradosh Vrat 2025: शिववास योग में मनाया जाएगा शनि प्रदोष व्रत, मिलेगा महादेव का आशीर्वाद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 11 May 2025 08:38 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन में व्याप्त संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर महादेव की विशेष पूजा की जाती है।

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    Pradosh Vrat 2025: शिव जी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि महादेव को समर्पित होता है। इस दिन सृष्टि के रचयिता भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में वर्णित है।

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    कहते हैं कि त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से त्रयोदशी तिथि पर शिव-शक्ति की पूजा करते हैं। इस समय भक्ति भाव से महादेव का अभिषेक किया जाता है। आइए, शनि प्रदोष व्रत की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 24 मई को शाम 07 बजकर 20 मिनट पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 25 मई को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 24 मई को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत पर शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। शिववास योग शाम 07 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव नंदी की सवारी करेंगे। शिववास योग बेहद मंगलकारी माना जाता है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कामों में सफलता मिलेगी।

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, कौलव करण सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल योग का संयोग है। तैतिल योग शाम 07 बजकर 20 मिनट तक है। जबकि, रेवती नक्षत्र का संयोग देर रात तक है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- देर रात 03 बजकर 33 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 11 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 09 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।