Shani Amavasya 2025: 28 या 29 मार्च कब है शनि अमावस्या, इन कार्यों से मिलेगा लाभ
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना और दान-पुण्य करना काही शुभ माना गया है। साथ ही आप इस तिथि पर पिंड दान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि मार्च के महीने में शनि अमावस्या कब है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह तिथि पितरों को प्रसन्न करने के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी गई है। शनि अमावस्या के दिन पर देवों के देव महादेव और शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष मगत्व माना गया है। इससे जातक को शनि की बाधा से भी मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप शनि अमावस्या के दिन क्या कार्य कर सकते हैं।
कब है शनि अमावस्या
चैत्र माह की अमावस्या तिथि 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 29 मार्च को दोपहर 04 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र अमावस्या शनिवार 29 मार्च को मनाई जाएगी। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या भी कहा जाएगा।
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जरूर करें ये काम
शनि अमावस्या के दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए गरीबों व जरूरतमंद लोगों को काले तिल, काला कंबल, उड़द की दाल आदि का दान करना चाहिए। इसी के साथ शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और उसके समक्ष सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं।
ऐसा करने से जातक को शनि की बाधा से मुक्त मिल सकती है। इसी के साथ शनि अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराने से भी जातक को पुण्य की प्राप्ति होती है।
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करें इन मंत्रों का जप
शनि अमावस्या के दिन शिव जी और शनिदेव के मंत्रों का जप करने से साधक को काफी लाभ मिल सकता है।
- ॐ नमः शिवाय
- शिव गायत्री मंत्र - ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
- महामृत्युमजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
- ॐ काकध्वजाय विद्महे खड़गहस्ताय धीमहि तन्नो मंदः प्रचोदयात
- ‘ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’
- ‘ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभि स्रवन्तु न:।।
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