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    Sawan 2025: सावन में करें इस स्तुति का पाठ, 12 ज्योतिर्लिंगों की कृपा से मिटेंगे सात जन्मों के पाप

    सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है जो भगवान भोलेनाथ की आराधना का समय है। इस दौरान एक विशेष स्तुति का महत्व है जिसके जाप से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस स्तुति में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण किया जाता है जो देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Mon, 07 Jul 2025 06:08 PM (IST)
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    Sawan 2025: सुबह और शाम को पढ़नी चाहिए यह स्तुति।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनकी भक्ति और आराधना का पवित्र महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मौके पर हम आपको एक ऐसी स्तुति के बारे में बता रहे हैं, जिसके जाप करने से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन-मृत्यु के चक्र से मिलती है मुक्ति।

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    इस एक स्तुति में 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम आते हैं। कहते हैं जो भी व्यक्ति इस स्तुति का पाठ शाम और सुबह के समय करता है, उसके समस्त पाप ज्योतिर्लिंगों के नाम का स्मरण करने मात्र से मिटने लगते हैं। 

    भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद है। शिवपुराण के अनुसार, इसका पाठ करने से 12 ज्योतिर्लिंग की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। आइए जानते हैं कहां-कहां स्थित हैं ये ज्योतिर्लिंग और क्या है यह स्तुति…

    शाम और सुबह करें इसका पाठ 

    सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।

    उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम्‌ ॥1॥ 

    परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥ 2॥ 

    वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।

    हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥ 3॥ 

    एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

    सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥ 

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    इन जगहों पर हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग 

    सोमनाथ: प्रभाष पाटन (गुजरात)

    मल्लिकार्जुन: श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)

    महाकालेश्वर: उज्जैन (मध्य प्रदेश)

    ओंकारेश्वर: खंडवा (मध्य प्रदेश)

    वैद्यनाथ: देवघर (झारखंड)

    भीमाशंकर: पुणे के पास भीमशंकर (महाराष्ट्र)

    रामेश्वर: सेतुबंध (तमिलनाडु)

    नागेश्वर: दारुकावन (गुजरात)

    विश्वेश्वर: वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

    त्रयंबकेश्वर: नासिक (महाराष्ट्र)

    केदारनाथ: केदारनाथ (उत्तराखंड)

    घृष्णेश्वर: दौलताबाद (महाराष्ट्र)

    ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में अंतर 

    शिवलिंग को भक्त मंदिर और घर में स्थापित करते हैं। वहीं, ज्योतिर्लिंग वह स्थान है, जहां भगवान शिव स्वयं ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे। शिवलिंग का अर्थ अनंत है, जिसका कोई अंत नहीं है। 

    वहीं, ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का दीप्तिमान स्वरूप है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करता है, उसे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।