Sawan 2025 Somwar Date: कब रखा जाएगा सावन के पहले सोमवार का व्रत? जानें पूजा से जुड़ी प्रमुख बातें
सावन का महीना (Sawan 2025 Somwar Date) भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सावन 2025 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगा जिसमें कुल 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे। साधक इस दौरान भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और विभिन्न पूजन नियमों का पालन करते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत महत्व रखता है। इस पूरे माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और सोमवार के दिन व्रत रखने का विधान है। शिव भक्त इस पवित्र माह का पूरे साल इंतजार करते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान भोलेनाथ पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं।
वहीं, लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इस साल सावन का पहला सोमवार (Sawan 2025 Somwar Date) कब पड़ेगा? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।
सावन का पहला सोमवार व्रत कब? (Sawan 2025 First Monday Date)
हिंदू पंचांग के आधार पर इस साल सावन माह 11 जुलाई, 2025 से शुरू होगा। वहीं, इसका समापन अगले महीने यानी 09 अगस्त, 2025 को होगा। इस बार सावन में कुल 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे। वहीं, सावन का पहला व्रत 14 जुलाई, सोमवार के दिन रखा जाएगा।
सावन सोमवार 2025 व्रत लिस्ट (Sawan 2025 Monday Date)
- सावन पहला सोमवार 14 जुलाई 2025
- सावन दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025
- सावन तीसरा सोमवार 28 जुलाई 2025
- सावन चौथा सोमवार 4 अगस्त 2025
सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि (Sawan Somwar Vrat 2025 Puja Vidhi)
- सावन के पहले सोमवार पर जल्दी उठें और स्नान करें।
- साफ कपड़े पहनें।
- हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की थाली तैयार करें और एक वेदी भगवान शिव, माता पार्वती व गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- उनका विधिपूर्वक अभिषेक करें।
- बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, धूप, दीप, फल, फूल, मिठाई, पंचामृत आदि चीजें चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर भी गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
- 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करें।
- सावन सोमवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
- धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- व्रत के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें और सिर्फ फलाहार के रूप में फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सेंधा नमक आदि का सेवन कर सकते हैं।
- व्रत के समापन के बाद ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें।
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