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    Sawan 2025: इस बार कितने दिन का होगा सावन? 4 सोमवारी का बन रहा अद्भुत संयोग; चमकेगी भक्तों की किस्मत

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 06:02 AM (IST)

    11 जुलाई से भागलपुर के अजगैवीनाथ धाम से कांवड़ यात्रा शुरू होगी जो बाबा वैद्यनाथ दरबार तक जाएगी। सावन का महीना 30 दिनों का होगा जिसमें चार सोमवार पड़ेंगे। पंडित ऋषिकेश पांडे के अनुसार सावन में शिव की विशेष कृपा होती है और इस महीने में शिव की आराधना करना कल्याणकारी माना जाता है जिससे आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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    इस बार सावन में होगी चार सोमवारी। (फोटो जागरण)

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। 11 जूलाई से विश्व प्रसिद्ध अजगैवीनाथ धाम से कांवड़ यात्रा आरंभ होगी। बाबा वैद्यनाथ दरबार तक बोलबंम की गूंज होगी। केसरिया रंग से 105 किलोमीटर का पैदल पथ पटेगा।

    चारों ओर शिवमय अध्यात्म की गंगा बहेगी। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी की कवायद हो रही है। अब तक जिले में कई बैठकें की गई है। बाबा भोले को समर्पित पवित्र माह सावन इस बार 30 दिन का होगा।

    इस सावन में चार सोमवारी का संयोग बन रहा है जिसमें शिवभक्तों के हर हर महादेव से शिवालय गूंजेगा। इस दौरान सनातन की अद्भुत छटा दिखेगी।

    11 जुलाई शुक्रवार से सावन का महीना आरंभ होगा और नौ अगस्त शनिवार को समाप्त होगा। इस दिन सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा।

    पहली सोमवारी व्रत 14 जुलाई, दूसरी 21 जुलाई, तीसरी 28 जुलाई, चौथी सोमवारी 4 अगस्त को पड़ेगी। सनातन धर्म में सावन को सबसे पुण्यदायी महीना माना गया है। ऐसी मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव धरती पर मौजूद रहते हैं।

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    सावन में माह बरसती शिव की विशेष कृपा

    बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के पंडित ज्योतिषाचार्य ऋषिकेश पांडे कहते हैं कि सावन मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है। सावन में प्रतिदिन शिव उपासना का विधान है।

    प्रत्येक सोमवार को प्रदोष काल में शिवजी का पूजन अवश्य करनी चाहिए। इसमें नियम, संयम, भक्ति-भाव, युद्ध आचरण व शुद्ध आहार शुद्ध विचार रखने से भक्तों पर भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है।

    सावन में शिवलिंग का रुद्राभिषेक, शिवजी की पार्थिव पूजन, शिवजी का पाठ, लघु रुद्र, महारुद्र का पाठ शिवालयों में जलाभिषेक व बिल्वपत्र चढ़ाना आदि श्रेष्ठ माना गया है।

    इससे दैहिक, दैविक, भौतिक, आध्यात्मिक तापों का शमन होता है और नए ऊर्जा के साथ मनुष्य अपने अध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करता है।

    व्रतों का पारायण आध्यात्मिक उन्नति अंत में मोक्ष की प्राप्ति का सबसे आसान रास्ता है। ऋषि-मुनियों ने केवल त्योहारों, धार्मिक उत्सवों और व्रतों का प्रावधान नहीं किया, बल्कि उन्हें धर्म, समाज और जीवन का अभिन्न अंग भी माना है।

    भारतीय संस्कृति में व्रत, उपासना का महात्म्य देखने को मिलता है। सावन के महीने में भगवान शिव शंकर की आराधना बहुत ही कल्याणकारी मानी जाती है। सावन का महीना ही शिव का माह जानने की सनातन परंपरा रही है। सावन में शिव की कृपा विशेष होने के कारण लाखों कांवरिया जल भरकर बाबा को जलाभिषेक करते हैं।

    सावन में किस तारीख को कौन सी सोमवारी

    • पहला - 14 जुलाई
    • दूसरी - 21 जुलाई
    • तीसरी - 28 जुलाई
    • चौथी - 4 अगस्त