Sawan Somvar 2025: सावन सोमवार पर शिववास समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, मिलेगा दोगुना फल
सावन माह के दूसरे सोमवार (Sawan Somvar 2025) पर कामिका एकादशी मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग लक्ष्मी नारायण जी की भी पूजा की जाएगी। साधक एकादशी का व्रत भी करेंगे। यह दिन बेहद खास है। सावन सोमवार पर शिवजी की पूजा करने से हर एक मनोकामना पूरी होगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह की दूसरी सोमवारी 21 जुलाई को है। इस दिन कामिका एकादशी भी मनाई जाएगी। सावन माह के दूसरे सोमवार पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही साधक मनचाही मुराद पाने के लिए सोमवारी व्रत भी रखेंगे।
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के दूसरे सोमवार पर शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के संकटों से भी मुक्ति मिलेगी। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
सावन सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Somvar 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट तक सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू होगी। इस प्रकार 21 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी और द्वादशी तिथि है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
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सावन सोमवार शुभ योग (Sawan Somvar 2025 Shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के दूसरे सोमवार पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन सोमवार पर वृद्धि योग का संयोग शाम 06 बजकर 39 मिनट तक है। इस योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
वहीं, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग दिन भर है। जबकि, अमृत सिद्धि योग का संयोग रात 09 बजकर 37 मिनट तक है। इन दोनों योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सिद्धि यानी सफलता मिलेगी।
शिववास योग
सावन माह के दूसरे सोमवार पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग का संयोग पूर्ण रात्रि तक है। इस शुभ अवसर पर सुबह 09 बजकर 38 मिनट तक भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी की सवारी करेंगे। शिववास के दौरान शिव जी की पूजा एवं भक्ति करने से साधक को न केवल अक्षय फल मिलेगा, बल्कि भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 55 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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