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    Sawan 2025: सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम, मिलेगा महादेव का आशीर्वाद!

    भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र का महत्व हर अनुष्ठान में है क्योंकि इसके बिना शिवजी की पूजा पूरी नहीं होती। मान्यता है कि बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है जैसे कि बेलपत्र की तीनों पत्तियों पर चंदन लगाना और सूखे पत्ते नहीं चढ़ाना।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Thu, 10 Jul 2025 08:00 AM (IST)
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    Sawan 2025: सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। जानिए बेलपत्र चढ़ाने के जरूरी नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए शिवजी के भक्त कई तरह की पूजा और अनुष्ठान करेंगे। हर अनुष्ठान में बेलपत्र अहम होगा क्योंकि इसके बिना भोलेनाथ की पूजा पूरी नहीं होती। 

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    मान्यता है कि बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। मगर, बेलपत्र चढ़ाने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करने से महादेव की कृपा मिलती है। आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। 

    बेलपत्र की तीनों पत्तियों पर लगाएं चंदन

    बेल पत्र की पत्तियां त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक मानी जाती हैं। यह भगवान शिव के त्रिशूल का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। यह त्रिगुण यानी सत्व, रजस और तमस का भी प्रतीक हैं। ये तीन अवस्थाओं वात, पित्त और कफ प्रकृति को भी दर्शाती हैं। 

    इसीलिए शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाला बेलपत्र हमेशा तीन पत्ती वाला होना चाहिए। टूटी हुई, कटी-फटी और खंडित बेलपत्र को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्ण और अक्षत बेलपत्र ही भगवान शिव को प्रिय है। इसे चढ़ाते समय तीनों पत्तियों पर चंदन जरूर लगाएं। 

    सूखे पत्ते न चढ़ाएं 

    हमेशा ताजा और स्वच्छ बेलपत्र ही भोलेनाथ को चढ़ाना चाहिए। सूखा या मुरझाया बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। यदि ताजा बेलपत्र नहीं मिले, तो शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को उठा लें। इसके बाद उसे धोकर फिर से शिव पूजन में प्रयोग कर सकते हैं। 

    दरअसल, विधान है कि बेलपत्र कभी निर्माल्य नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र को 6 महीने तक बासी नहीं माना जाता है। बशर्ते वह सूखा न हो और मुरझा न गया हो। 

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    मंत्रों का जाप करें 

    बेलपत्र चढ़ाते समय उसकी चिकनी सतह शिवलिंग की तरफ हो और डंठल का हिस्सा आपकी तरफ होना चाहिए। ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। मान्याता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।