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    Satyanarayan Vrat Niyam: कब और कैसे करना चाहिए सत्यनारायण व्रत? मिलते हैं अद्भुत लाभ

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 11:10 AM (IST)

    सत्यनारायण भगवान की पूजा, भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की पूजा है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। पूरे विधि-विधान सत्यनारायण व्रत करने साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सत्यनारायण व्रत कब और कैसे करना चाहिए।

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    Satyanarayan vrat Significance in hindi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आप कभी-न-कभी सत्यनारायण (Satyanarayan Katha) की कथा का हिस्सा जरूर बने होंगे। सत्यनारायण की पूजा का असल अर्थ है 'सत्य की नारायण के रूप' में पूजा। भगवान सत्यनारायण की कथा व व्रत करना का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं सत्यनारायण व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम, जिनका ध्यान रखकर आप इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

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    व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम

    वैसे तो सत्यनारायण व्रत किसी भी शुभ अवसर पर किया जा सकता है, लेकिन पूर्णिमा तिथि पर इस व्रत को करना विशेष फलदायी माना गया है। यदि सुबह संभव न हो, तो शाम के समय भी भगवान सत्यनारायण की पूजा की जा सकती है। व्रत करने वाले व्यक्ति को दिन भर उपवास करना होता है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन किया जाता है।

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    सत्यनारायण व्रत की विधि

    सुबह जल्दी उठकर ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। पूजा स्थल की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान सत्यनारायण की तस्वीर स्थापित करें। साथ ही एक कलश और नारियल रखें। पंडित को बुलाकर या स्वयं सत्यनारायण कथा सुनें।

    कथा में आसपास के लोगों को शामिल करें। भगवान को चरणामृत, पान, तिल, रोली, कुमकुम, फल, फूल, सुपारी आदि अर्पित करें। कथा के बाद आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने का बाद प्रसाद ग्रहण करें और व्रत का पारण करें।

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    (AI Generated Image)

    मिलते हैं ये लाभ

    सत्यनारायण व्रत करने से साधक की सभी मनोकामना पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। यह व्रत सभी प्रकार के दुखों को दूर करने वाला और धन-धान्य में वृद्धि करने वाला माना गया है। इसके साथ ही यह माना गया है कि सत्यनारायण व्रत करने से संतान हीन व्यक्तियों को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।