Sarva Pitru Amavasya 2025: पितरों को खुश करनें के लिए इन बातों का रखें ध्यान, नोट करें स्नान-दान मुहूर्त
सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2025) का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसे पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती। इस साल यह 21 सितंबर को है। इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है तो आइए उन बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि की जानकारी न हो। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 21 सितंबर, 2025 को पड़ रही है। इस दिन (Sarva Pitru Amavasya 2025) कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है, तो आइए उन प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
सर्व पितृ अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya 2025 Snan-Daan Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 16 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक
तर्पण मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya 2025 Tarpan Time)
- कुतुप मूहूर्त दिन में 11 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
- रौहिण मूहूर्त दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 27 मिनट तक।
इन बातों का रखें ध्यान (Sarva Pitru Amavasya 2025 Rules)
- सात्विक भोजन बनाएं - सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के लिए शुद्ध और सात्विक भोजन बनाएं। भोजन में प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक चीजें शामिल न करें।
- तर्पण और पिंडदान - इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करें। इसके लिए किसी योग्य पंडित की मदद लें। तर्पण के समय जल में तिल और जौ मिलाएं।
- कौओं को भोजन - इस दिन कौओं को पितरों के नाम से भोजन खिलाया जाता है। ऐसे में भोजन में से एक हिस्सा निकालकर कौओं को जरूर खिलाएं।
- पीपल के पेड़ की पूजा - पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- क्षमा मांगें - पितरों से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें और उनका आशीर्वाद लें।
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