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    Samudrik Shastra: कलाई में तिल होने का क्या मतलब है, कैसा होता है इनका व्यवहार

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 03:59 PM (IST)

    Samudrik Shastra signs सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार कलाई पर तिल होना शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान और परिस्थिति के अनुसार ढलने वाले होते हैं। दाहिनी कलाई पर तिल मर्दाना गुणों का प्रतीक है ऐसे लोग गतिशील और लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं। महिलाओं की दाईं कलाई पर तिल बुद्धिमानी और चालाकी का प्रतीक है।

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    Samudrik Shastra: परिस्थितियों के अनुसार खुद को डालने की क्षमता रखते हैं कलाई पर तिल वाले लोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्‍योतिष की एक शाखा सामुद्रिक शास्‍त्र है, जिसमें शरीर की बनावट के आधार पर भविष्य के संकेतों के बारे में बताया जाता है। समुद्र शास्त्र के मुताबिक, कलाई पर तिल होना (mole meaning on wrist) अच्छी किस्मत का संकेत देता है। 

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    ऐसे लोग बुद्धिमान होते हैं बहुत तेज होते हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को डालने की क्षमता रखते हैं। इनकी यही क्षमता इनको सफल बनाने में मददगार साबित होती है। कलाई का तिल (fortune signs in Samudrik Shastra) वाले लोगों को जीवन और कैरियर में सफलता मिलती है।

    ऐसे लोगों के पारिवारिक सुखों में भी कोई कमी नहीं होती। हालांकि, कभी-कभी जरूरत से ज्यादा लालच होने की वजह से इनको उसके नतीजे भी भुगतने पड़ते हैं। 

    स्वभाव में होता है लचीलापन

    मगर, आमतौर पर कलाई पर तिल शुभ संकेत के रूप में माना जाता है। कलाई में लचीलापन होता है। यहां पर तिल होने का मतलब व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के साथ सामंजस्य से बैठने के लिए परेशान नहीं होता। 

    वह आसानी से बदलावों को स्वीकार कर देता है। दाएं और बाईं कलाई पर तिल होने के अलग-अलग अर्थ होते हैं आइए जानते हैं इसके बारे में। 

    दाहिनी कलाई में तिल मर्दाना बनाता है

    शरीर का दाहिना हिस्सा पौरुष का संकेत करता है। इसलिए दाहिनी कलाई पर तिल होने से व्यक्ति में मर्दाना विशेषताएं होती हैं। ऐसे लोग बहुत ज्यादा गतिशील और सक्रिय होते हैं। 

    वो अपने लक्ष्य को एक बार तय कर लेते हैं, तो सफल होने तक हार नहीं मानते हैं। ऐसे लोगों अपने टैलेंट पर भरोसा करते हैं। क्रिएटिव और ऊर्जा से भरे होने की वजह से जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं। 

    पुरुषों की दाईं कलाई पर तिल संकेत देता है कि व्यक्ति की प्रतिष्ठा जबरदस्त होगी। वह अपनी सफलताओं से समाज में मान-सम्मान हासिल करेगा। 

    वहीं, महिलाओं की कलाई पर दाएं हाथ में तिल होने का मतलब है कि वह बुद्धिमान और चालक भी है। उसे आसानी से धोखा नहीं दिया जा सकता है। 

    बाई कलाई पर तिल 

    शरीर का बायां हिस्सा स्त्री ऊर्जा का प्रतीक है। ऐसे में बाईं कलाई पर तिल होने से किसी भी व्यक्ति के अंदर स्त्री तत्व के गुण जैसे अंतरज्ञान, भावनाओं का अधिक होना, केयरिंग नेचर हो सकता है। 

    ऐसे लोग बड़े दयालु किस्म के होते हैं और भाग्यशाली भी होते हैं। इनको जीवन में सौभाग्य से अच्छे मौके मिलते रहते हैं और यह उन मौकों का लाभ उठाकर आगे बढ़ते हैं। 

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    पुरुषों की बाई कलाई पर तिल होने से यह पता चलता है कि वह न सिर्फ पैसे कमाने में माहिर है, बल्कि उन्हें खर्चा भी खुले दिल से करते हैं। 

    वहीं, महिलाओं की बाई कलाई में तिल होने से यह संकेत मिलता है कि वह शादी के बाद अपने घर को अच्छे तरीके से संभाल लेगी। बाईं कलाई पर तिल वाली महिलाएं घर के कामकाज को संभालने में निपुण होती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।