Samudrik Shastra: जांघ पर तिल वाले लोग होते हैं साहसी, जानिए कैसी होती है पर्सनेलिटी
सामुद्रिक शास्त्र में जांघ पर तिल के महत्व को बताया गया है। जांघ पर तिल व्यक्ति के दृढ़ निश्चय और मजबूत व्यक्तित्व का प्रतीक है। दाईं जांघ पर तिल रचनात्मकता और कामुकता का संकेत देता है वहीं बाईं जांघ पर तिल संवेदनशीलता और कला के प्रति समझ को दर्शाता है। यह तिल आध्यात्मिकता में रुचि और समस्याओं को हल करने की क्षमता भी दिखाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सामुद्रिक शास्त्र में शरीर पर तिल के आधार पर भविष्य के संकेतों के बारे में बताया जाता है। जांघ पर तिल होना (mole meaning on thigh) बताता है कि व्यक्ति दृढ़ निश्चय ही होगा और उसका व्यक्तित्व बहुत मजबूत होगा।
जांघ पर तिल (fortune signs in Samudrik Shastra) वाले लोगों को जीवन में सफलता मिलती है। जांघ पर तिल संकेत देता है कि व्यक्ति साहसी, आत्मविश्वासी और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने है।दाईं जांघ पर होने से पता चलता है कि व्यक्ति रचनात्मक से भरा हुआ है।
हालांकि, ऐसे लोग कामुक प्रवृत्ति के होते हैं। मगर, साथ ही खुले दिमाग के और नए विचारों के साथ में काम करने वाले होते हैं। ऐसे लोग कल्पनाशील भी होते हैं। इन लोगों में काफी धैर्य होता है और यह शारीरिक रूप से काफी मजबूत होते हैं।
ऐसे लोग किसी भी मानसिक चिंता या परेशानी या तनाव का सामना करने में सक्षम होते हैं। जिन महिलाओं की दाईं जांघ पर तिल होता है, उनके पति उनको विशेष रूप से प्रेम करते हैं। इसके साथ ही उनका जीवन में सुख-संपन्नता भी मिलती है।
बाईं जांघ पर तिल वाले होते हैं संवेदनशील
वहीं, बाईं जांघ पर तिल होने से पता चलता है कि व्यक्ति रचनात्मक है। उसके अंदर कला को समझने की क्षमता है। ऐसे लोग बहुत ही संवेदनशील प्रवृत्ति के होते हैं। दूसरों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार रखने वाले होते हैं। इनका अंतर ज्ञान भी जबरदस्त होता है।
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ऐसे लोग समस्याओं से डरते नहीं, बल्कि उसका हल निकालने के तरीके खोज लेते हैं। ऐसे लोग खुले विचारों वाले होते हैं। यदि किसी महिला की बाईं जांघ पर तिल है, तो उसे नौकर-चाकर का सुख मिलता है और उसका जीवन आनंद से बीतता है।।
बाईं जांघ पर तिल वाले लोगों में आध्यात्मिकता को लेकर गहरी समझ होती है। उन्हें जीवन के गहरे अर्थ की खोज में रुचि होती है। उनमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम करने की भावना भी काफी प्रबल होती है।
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