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    Samudrik Shastra: सूर्य पर्वत पर तिल कम कर देता है प्रतिष्ठा, जानिए क्या करना चाहिए

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 01:36 PM (IST)

    Samudrik Shastra signs सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सूर्य पर्वत पर तिल होना अच्छा नहीं माना जाता है। इससे व्यक्ति को जीवन और करियर में कई तरह की परेशानियां आती हैं। आत्मविश्वास में कमी आती है और समाज में प्रतिष्ठा कम होती है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

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    Samudrik Shastra: पिता और गुरुजनों की सेवा करने से मिलती है राहत।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्‍योतिष की एक शाखा सामुद्रिक शास्‍त्र है, जिसमें शरीर की बनावट के आधार पर भविष्य के संकेतों के बारे में बताया जाता है। समुद्र शास्त्र के मुताबिक, सूर्य पर्वत पर तिल होना (mole meaning on sun mount) कुछ मायनों में अच्छा संकेत नहीं देता है। 

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    सूर्य पर्वत पर तिल (fortune signs in Samudrik Shastra) वाले लोगों को जीवन और करियर में परेशानी का समाना करना पड़ता है। हथेली में अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर के ठीक नीचे का स्थान सूर्य पर्वत के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता, सरकारी नौकरी, मान-सम्मान, यश-कीर्ति, प्रतिष्ठा आदि का कारक माना जाता है। 

    जिस व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है, वह राजाओं की तरह का जीवन जीता है। उसका मान-सम्मान भी राजाओं की तरह होता है। मगर सूर्य पर्वत पर तिल का निशान होना अच्छा नहीं माना जाता है। यह बताता है कि व्यक्ति को अपने करियर में अपने जीवन में कई तरीके की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। 

    कम होता है साहस और आत्मविश्वास 

    सूर्य पर्वत पर तिल का निशान होने से व्यक्ति के अंदर साहस और आत्मविश्वास की कमी होने लगती है। ऐसे लोग समाज के बीच में अपनी बात को स्पष्ट तरीके से नहीं रख पाते हैं। वह अपनी बातों को रखना में भी हिचकिचाने लगता है। 

    उसे भीड़ में या कई लोगों के बीच में खड़े होने पर इन सिक्योरिटी महसूस होती है। समाज में उसकी प्रतिष्ठा या छवि भी खराब हो सकती है। 

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    जरूर करने चाहिए ये उपाय 

    यदि सूर्य पर्वत पर तिल का निशान है, तो कुछ उपाय किए जाने चाहिए। इससे इन समस्याओं से थोड़ा राहत मिल सकती है। सबसे पहला उपाय यह है कि ऐसे व्यक्तियों को रोज गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही सूर्य को रोज सुबह अर्घ्य देना चाहिए। 

    अनामिका उंगली में यानी रिंग फिंगर में तांबे का छल्ला पहनने से भी इन समस्याओं में कमी आती है। पिता और गुरुजनों की सेवा करनी चाहिए। यदि संभव हो सके, तो रोज पिताजी के पैर छूने चाहिए। इससे भी सूर्य मजबूत होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।