Sakat Chauth 2025: सकट चौथ पर करें ये आसान उपाय, संतान से जुड़ी दूर होंगी सभी मुश्किलें
सकट चौथ (Sakat Chauth 2025) का पर्व बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश और सकट माता की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो महिलाएं अपने बच्चों के लिए व्रत रखती हैं उन्हें कभी संतान से जुड़ी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं इस दिन को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं आइए उनके बारे में जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सकट चौथ हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुरक्षा के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करती हैं। यह पर्व (Sakat Chauth 2025 Ke Upay) हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल सकट चौथ का त्योहार 17 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन संतान से जुड़े उपाय करना बहुत फलदायी माना गया है, जिसे करने से बच्चों की सभी मुश्किलें दूर होती हैं, तो चलिए यहां जानते हैं।
सकट चौथ 2025 के उपाय (Sakat Chauth 2025 Ke Upay)
सकट चौथ के पावन मौके पर बप्पा के सामने घी के दीपक में कपूर डालकर जलाएं। फिर बप्पा को मोदक, दुर्वा और पान-सुपारी आदि चीजें अर्पित करें। ऐसा करने आपके संतान के जीवन में खुशहाली आएगी। साथ ही आपके संतान की उन्नति के मार्ग खुलेंगे। इसके अलावा बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
सकट चौथ के दिन गणेश भगवान की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके बाद बप्पा के 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ करें। फिर, अपनी संतान के ऊपर से दूर्वा घास को 7 बार घुमाकर भगवान गणेश को चढ़ा दें। इस उपाय को करने से आपकी संतान के ऊपर से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। साथ ही उसपर बप्पा का आशीर्वाद बना रहेगा।
सकट चौथ 2025 के शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी को सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 18 जनवरी को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 17 जनवरी को सकट चौथ (Sakat Chauth 2025 Date) का व्रत रखा जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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