Rudraksha पहनने से जीवन में नहीं आता कोई दुख, कब उतारे रुद्राक्ष की माला?
सनातन धर्म में रुद्राक्ष (Rudraksha Wearing Benefits) को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इसका संबंध महादेव से माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है और भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है लेकिन रुद्राक्ष से जुड़े नियम का पालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं इन नियम के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में रुद्राक्ष को महादेव से जोड़कर देखा जाता है। इसे भगवान शिव का अंश माना गया है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं जैसे- रुद्राक्ष एकमुखी से लेकर चौदह मुखी तक। सभी रुद्राक्ष का अपना विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला पहनने से व्यक्ति को कई तरह के आध्यात्मिक लाभ (Rudraksha Wearing Benefits) मिलते हैं। जैसे- तनाव और चिंता से छुटकारा, आत्मविश्वास में वृद्धि, महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष की माला को पहनने वाले व्यक्ति को नियम का पालन करना जरुरी होता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष से जुड़े नियम का पालन न करने से जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए आपको इस आर्टिकल में बताएंगे रुद्राक्ष माला के नियम में बारे में विस्तार से।
(Pic Credi-AI)
कब पहने रुद्राक्ष माला?
सनातन शास्त्रों में रुद्राक्ष (Rudraksha mala guide) की माला को पहनने के लिए शुभ तिथि के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष की माला को पहनना व्यक्ति के जीवन के लिए उत्तम माना जाता है, लेकिन एक बात का खास ध्यान रखें कि माला को धारण करने से पहले इसे दूध और सरसों के तेल की मदद से सही तरीके से साफ कर लें। इसे धारण करते समय विधिपूर्वक ओम नमः शिवाय मंत्र जप करें।
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कब उतारे रुद्राक्ष माला?
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सोने से पहले रुद्राक्ष की माला उतार देनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला पहनकर सोने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है। इसी वजह से ज्योतिष भी सोने से पहले माला को उतारने की सलाह देते हैं। फिर सुबह स्नान करने के बाद इस माला को धारण करना चाहिए।
इन बातों का रखें खास ध्यान (Rudraksha wearing Niyam)
रुद्राक्ष को अधिक पवित्र माना गया है, तो इसलिए रुद्राक्ष माला पहनने वाले व्यक्ति को मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। माला को काले धागे में पहनना अशुभ माना जाता है। इसके लिए लाल या फिर पीले धागे का इस्तेमाल किया जा सकता है। रुद्राक्ष माला को कभी भी गंदे हाथ से नहीं छूना चाहिए। माला को पहनने के बाद किसी बारे में गलत न सोचें। साथ ही किसी से भी किसी तरह का वाद-विवाद न करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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