Rudraksha Benefits: 14 में से कौन-सा रुद्राक्ष है सबसे शक्तिशाली, पहनने से पहले जान लें ये बातें
कई लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर नियमों को ध्यान में रखते हुए रुद्राक्ष धारण (Rudraksha ke Niyam) किया जाए तो इससे जातक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कौन-सा रुद्राक्ष पहनना सबसे उत्तम माना जाता है और इससे आपको क्या-क्या लाभ देखने को मिल सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए इसे इतना खास माना जाता है। रुद्राक्ष के भी कई प्रकार होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको कौन-सा रुद्राक्ष धारण करने से सबसे अधिक लाभ मिल सकता है।
कितने तरह के होते हैं रुद्राक्ष
14 तरह के रुद्राक्ष होते हैं, जिसमें से एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। इसलिए यह रुद्राक्ष सबसे शक्तिशाली और दुर्लभ माना गया है। इसी के साथ इस रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, सावन महीने का सोमवार या फिर शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना गया है।
मिलते हैं ये लाभ
नियमों के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव की कृपा तो मिलती ही है। साथ ही इसे पहनने से मानसिक शांति का भी अनुभव होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आप सभी प्रकार के बुरे प्रभावों को दूर रहते हैं।
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ध्यान रखें ये बातें
रुद्राक्ष पहनने का पूरा लाभ तभी मिलता है, जब इससे संबंधित नियमों का ध्यान रखा जाए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। रात को सोने से पहले और शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर जाने से पहले रुद्राक्ष निकाल देना चाहिए। रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को मांस-मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए, वरना आपको इसके शुभ परिणाम नहीं मिलते।
(Picture Credit: Freepik)
किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कुछ लोगों के लिए रुद्राक्ष पहनने की मनाही भी है। इसके अनुसार, गर्भवती स्त्रियों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे बहुत अधिक ऊर्जा निकलती है, जो शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यदि आप ईश्वर पर विश्वास नहीं रखते, तो केवल फैशन के लिए भी रुद्राक्ष धारण न करें। वहीं, जो लोग मांस-मदिरा का सेवन करते हैं, उन्हें भी रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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