Om Jaap: हर मंत्र से पहले क्यों कहा जाता है ॐ, बहुत ही खास है इसकी वजह
मंत्रोच्चारण न केवल धार्मिक दृष्टि से ही लाभकारी हैं बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी मंत्रोंच्चाण (Mantra Jaap Benefits) से व्यक्ति को कई शारीरिक और मानसिक लाभ पहुंचता हैं। इस क्रम में ॐ एक बहुत ही सरल लेकिन असरदार मंत्र है। शारीरिक दृष्टि से देखा जाए तो इसके रोजाना जप से जातक को जीवन में अद्भुत लाभ देखने को मिल सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने गौर किया होगा कि हर मंत्र से पहले ओम शब्द का उच्चारण किया जाता है। उदाहरण के तौर पर ॐ नमः शिवाय', गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र की शुरुआत भी ओम की ध्वनि के साथ ही होती है। इसके बिना कोई भी मंत्र अधूरा माना जाता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
क्यों खास है ओम
ऐसा माना जाता है कि ॐ एक मात्र ऐसी ध्वनि है, जो पूरी सृष्टि का प्रतीक है। साथ ही इस ध्वनि को ब्रह्मांड की सबसे पहली पहली भी माना गया है, क्योंकि जब सृष्टि की रचना हुई, तब सबसे पहले ॐ ध्वनि उत्पन्न हुई। साथ ही जब हम 'ॐ' का उच्चारण करते हैं, तो इससे हमे अपने अंदर एक ऊर्जा का अनुभव होता है। यह भी माना गया है कि इस ध्वनि में सभी वेदों का सार समाहित है। ऐसे में इसे मंत्र के आगे जोड़ा जाए, तो इससे उसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
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ॐ जप के लाभ
यह मंत्र जितना सरल है, उतना ही प्रभावशाली मंत्र भी है। ऐसे में यदि आप रोजाना सुबह के समय, खासकर ब्रह्म मुहूर्त में 'ओम' मंत्र का जप करते हैं, तो इससे मन को केंद्रित करने में मदद मिलती है। साथ ही सेहत को भी काफी लाभ देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि योग में भी ॐ ध्वनि को शामिल किया जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के तनाव के स्तर को कम करने में भी मददगार है।
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तभी मिलेगा पूरा लाभ
ॐ मंत्र के जप के दौरान भी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, तभी आपको इसका पूरा लाभ मिल सकता है। सबसे पहले मंत्रोच्चारण के लिए किसी शांत जगह का चुनाव करें। इस ध्वनि के उच्चारण के लिए सबसे पहले एक लंबी सांस अंदर लें और फिर सांस को बाहर छोड़ते हुए ओम शब्द का उच्चारण करें।
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