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    Annapoorna Stotra: रोज पूजा के समय करें इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, अन्न-धन से भर जाएंगे भंडार

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sat, 25 May 2024 09:00 AM (IST)

    शास्त्रों में निहित है कि एक बार पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई। उस समय भगवान शिव एवं मां पार्वती पृथ्वी पर आये। भूलोक पर आने के बाद मां पार्वती ने भगवान शिव को दान में अन्न दिया। प्राप्त अन्न को भगवान शिव ने वासियों में बांट दिया। इससे अन्न की कमी दूर हो गई। अतः साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं।

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    Annapoorna Stotram: रोज पूजा के समय करें इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, अन्न-धन से भर जाएंगे भंडार

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Annapoorna Stotra: भगवान शिव एवं जगत जननी मां पार्वती की महिमा अपरंपार है। उनके शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। ज्योतिष भी कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं। अतः साधक नित-प्रतिदिन श्रद्धा भाव से भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं। मां पार्वती को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि एक बार पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई। उस समय भगवान शिव एवं मां पार्वती पृथ्वी पर आये। भूलोक पर आने के बाद मां पार्वती ने भगवान शिव को दान में अन्न दिया। प्राप्त अन्न को भगवान शिव ने वासियों में बांट दिया। इससे अन्न की कमी दूर हो गई। अगर आप भी मां अन्नपूर्णा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो रोज पूजा के समय इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।

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    अन्नपूर्णा स्तोत्र

    नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी

    निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।

    प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी

    मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।

    काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी

    चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।

    सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी

    कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी ।

    मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी

    लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी ।

    श्रीविश्वेशमनःप्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    उर्वीसर्वजनेश्वरी भगवती मातान्नपूर्णेश्वरी

    वेणीनीलसमानकुन्तलहरी नित्यान्नदानेश्वरी ।

    सर्वानन्दकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    आदिक्षान्तसमस्तवर्णनकरी शम्भोस्त्रिभावाकरी

    काश्मीरात्रिजलेश्वरी त्रिलहरी नित्याङ्कुरा शर्वरी ।

    कामाकाङ्क्षकरी जनोदयकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    देवी सर्वविचित्ररत्नरचिता दाक्षायणी सुन्दरी

    वामं स्वादुपयोधरप्रियकरी सौभाग्यमाहेश्वरी ।

    भक्ताभीष्टकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    चन्द्रार्कानलकोटिकोटिसदृशा चन्द्रांशुबिम्बाधरी

    चन्द्रार्काग्निसमानकुन्तलधरी चन्द्रार्कवर्णेश्वरी ।

    मालापुस्तकपाशासाङ्कुशधरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    क्षत्रत्राणकरी महाऽभयकरी माता कृपासागरी

    साक्षान्मोक्षकरी सदा शिवकरी विश्वेश्वरश्रीधरी ।

    दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी

    भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥

    अन्नपूर्णे सदापूर्णे शङ्करप्राणवल्लभे ।

    ज्ञानवैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति ॥

    माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः ।

    बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।