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    Ravana Story: रावण को कैसे मिली थी सोने की लंका, किसने किया था निर्माण?

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 01:25 PM (IST)

    सोने के लंका का नाम लेते ही सबसे पहला ख्याल रावण का ही आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर रावण को सोने की लंका किस तरह प्राप्त हुई थी। दरअसल सोने की लंका शुरू से रावण की नहीं थी। इसका निर्माण विश्वकर्मा जी द्वारा किसी और के लिए किया गया था। चलिए जानते हैं इस बारे में। 

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    रावण ने लंका पाने के लिए किया ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रावण को एक पराक्रमी योद्धा होने के साथ-साथ प्रकांड विद्वान के रूप में भी जाना जाता है। वह पुष्पक विमान और सोने की लंका जैसी बहुमूल्य सम्पदा का स्वामी था। रावण को सोने की लंका किस प्रकार मिली थी, इसके पीछे एक नहीं, बल्कि दो-दो  कथाएं प्रचलित हैं।

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    मां पार्वती ने जताई ये इच्छा

    एक बार जब माता लक्ष्मी, मां पार्वती जी से भेंट करने के लिए कैलाश पर्वत पर गई, तो उन्होंने पार्वती जी से कहा कि आप एक राजकुमारी हैं, तो आप किस तरह से कैलाश पर्वत पर अपना जीवन यापन कर लेती हैं। इसके बाद माता पार्वती के मन में यह बात बैठ गई कि महादेव, देवों के देव हैं, ऐसे में हमें भी एक महल में रहना चाहिए। तब उन्होंने यह बात शिव जी से कही। हालांकि भगवान शिव ने पहले इसके लिए मना किया, लेकिन पार्वती जी के जिद करने के बाद वह मान गए।

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    इन्होंने किया निर्माण

    शिव जी ने विश्वकर्मा जी को एक सोने का महल बनाने का काम सौंपा। महादेव की आज्ञा के अनुसार, विश्वकर्मा जी ने एक अद्भुत और बहुत ही सुंदर सोने की लंका भगवान शिव और माता पार्वती के लिए बनाई। जब रावण को इसका पता चला, तो उसके मन में सोने की लंका प्राप्त करने का लालच उमड़ पता।

    तब उसने एक बार ब्राह्मण का रूप धारण किया और महादेव के पास जा पहुंचा। उसने भगवान शिव से भिक्षा के रूप में सोने की लंका मांग ली। भगवान शिव रावण को पहचान गए थे, फिर भी उन्होंने रावण को भिक्षा के रूप में सोने की लंका दे दी।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    माता पार्वती को आया क्रोध

    जब माता पार्वती को यह ज्ञात हुआ कि रावण ने छलपूर्वक सोने की लंका हड़प ली है, तब माता पार्वती को बहुत क्रोध आया। क्रोध में आकर पार्वती जी ने रावण को यह श्राप दिया कि एक दिन सोने की पूरी लंका आग में जलकर खाक हो जाएगी। इसी श्राप के चलते आगे चलकर हनुमान जी ने अपनी पूंछ से पूरी लंका में आग लगा दी थी और पूरी लंका को खाक कर दिया।

    मिलती है ये कथा

    रावण को सोने की लंका प्राप्त होने के पीछे एक अन्य कथा भी मिलती है। जिसके अनुसार, सोने की लंका पर कुबेर देव का राज था। कुबेर रावण ने अपने सौतेले भाई यानी कुबेर से सोने की लंका को बलपूर्वक छीन लिया था। साथ ही पौराणिक कथा के अनुसार, रावण ने कुबेर से पुष्पक विमान भी छिना था।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।