Rambha Teej 2025: मनपसंद जीवनसाथी और सौभाग्य के लिए रखें रंभा तीज का व्रत, जानें पूजा मुहूर्त और विधि
सुखमय वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु के लिए रंभा तीज का व्रत किया जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 29 मई 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सुखद वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु के लिए रंभा तीज का व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस साल रंभा तीज (Rambha Teej 2025) का पर्व 29 मई 2025 को मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस दिन अप्सराओं की पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक सुख मिलता है।
इतना ही नहीं, जो कुंवारी कन्याएं रंभा तीज का व्रत रखती हैं, उन्हें मनचाहा वर मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखयम रहता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हुए पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
रंभा तीज व्रत की पूजा विधि
इस दिन देवी रंभा, लक्ष्मी माता, पार्वती माता और भगवान शिव की पूजा की जाती है। भविष्यपुराण के अनुसार, माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शंकर ने जन कल्याण के लिए इस व्रत का विधान बताया था। इसलिए इस दिन विवाहित महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करके उनसे अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रियाओं को करने के बाद तैयार हो जाएं। सोलह श्रृंगार करके पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद रंभा देवी की प्रतिमा या चित्र को उसके ऊपर रख दें।
इसके बाद प्रथम पूज्य भगवान गणेश का ध्यान करें और देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। पूजा में फल, फूल, चूड़ियां, पायल, आलता, इत्र आदि सामग्रियों को अर्पित करें। इसके बाद श्रद्धा से व्रत का संकल्प लें।
रंभा तृतीया की कथा
एक समय की एक नगर में एक खुशहाल ब्राह्मण पति-पत्नी रहते थे। दोनों साथ में देवी लक्ष्मी का पूजन करते थे और उनकी कृपा से सुख और सौभाग्य के साथ खुशहाल दांपत्य जीवन बिता रहे थे। कुछ समय बाद महिला के पति को किसी काम के लिए गांव से बाहर जाना पड़ा।
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पति के जाने के बाद महिला निराशा और तनावग्रस्त रहने लगी। एक रात उसे सपना आया कि उसके पति के साथ दुर्घटना हो गई है। नींद से जागकर महिला रोने लगी, तो यह सब देखकर मां लक्ष्मी बूढ़ी औरत के रूप में उस महिला के पास आईं और महिला से उसके रोने का कारण पूछा।
तब मां लक्ष्मी महिला को रंभा तृतीया के दिन व्रत करने की बात कही। महिला रंभा तृतीया के दिन व्रत रहने लगी और उस व्रत के प्रभाव से कुछ समय बाद महिला का पति सकुशल वापस लौट आया। कहते हैं जैसे व्रत के प्रभाव से महिला का पति वापस घर लौट आया, उसी तरह रंभा तृतीया का व्रत रखने वाली महिलाओं के साथ कभी गलत नहीं होता है।
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