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    Ramayan: जीवन में अपना लिए रामायण के ये मूल मंत्र, तो कोई नहीं रोक पाएगा आपकी सफलता

    हिंदू धर्म ग्रंथों में कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं जो ज्ञान के साथ-साथ कुछ-न-कुछ शिक्षा भी देती हैं। इसी प्रकार प्रभु श्रीराम की भक्ति पर आधारित रामायण ग्रंथ भी मानव मात्र को प्रेरित करने का काम करता है। आप इस ग्रंथ से कई तरह की शिक्षाएं ले सकते हैं जो आपके लिए सफलता के मार्ग खोलने का काम करती हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 03 Jan 2025 12:03 PM (IST)
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    Ramayan ki Seekh रामायण से क्या सीख लेनी चाहिए।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामायण, (Ramayan ki Seekh) हिंदू धर्म के मुख्य ग्रंथों में से एक है। इसमें जीवन को प्रेरणा देने वाले कई प्रसंग मिलते हैं। ऐसे में आज हम आपको रामायण में बताए गए कुछ मूल मंत्र बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप सुखी और तनाव मुक्त रह सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    जरूर लें ये सीख

    रामायण की कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम का राजतिलक होने वाला था, लेकिन तभी उन्हें 14 वर्षों का वनवास मिल गया। इस परिस्थिति में भी उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया। उन्होंने अपनी रघुकुल की रीत को निभाने के लिए कैकेयी द्वारा दिए गए वनवास को स्वीकार कर लिया। इससे हर व्यक्ति को यही सीख लेनी चाहिए कि जीवन में चाहे कितनी ही कठिन परिस्थिति क्यों न आ जाए, कभी अपना धैर्य न खोएं और सकारात्मक तरीके से चीजों को सुलझाने की कोशिश करें। अगर आप इस सीख को अपनाते हुए धैर्य और सकारात्मक सोच के साथ जीवन के संघर्षों का सामना करते हैं, तो इससे वह परिस्थिति सफलतापूर्वक निकल जाती है।

    अपनी संगति का जरूर रखें ध्यान

    व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि आपकी संगति ही आपकी सोच को विकसित करती है और इसका असर आपके जीवन पर भी पड़ता है। इसका उदाहरण रामायण में कुछ इस प्रकार मिलता है। कथा के अनुसार, जैसे रामायण में सुग्रीव ने भगवान श्री राम से मित्रता की और वह राम जी की सहायता से किष्किंधा का राजा बन गया। बाद में उसने अपनी दोस्ती निभाते हुए सीता जी को ढूंढने में भगवान राम की मदद की। वहीं रावण का साथ देने वाले सभी लोगों को युद्ध में हार का सामना करना पड़ा था।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    लक्ष्य प्राप्ति तक न लें दम

    रामायण में एक प्रसंग मिलता है, जिसके अनुसार, जब हनुमान जी, माता सीता की खोज पर निकले, तो रास्ते में उन्होंने कहीं विश्राम नहीं किया और सभी मुश्किलों को पार करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुच गए। ऐसे में हमे इस प्रसंग से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि आप जीवन में तभी सफल हो सकते हैं, जब तक आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति किए बिना रुके नहीं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।