Mahakumbh 2025: कब है महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान? यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और नियम
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी (Mahakumbh 2025 Start Date) से हो रही है। वहीं इसका समापन 26 फरवरी को होगा। इस दौरान अधिक संख्या में साधु संत और श्रद्धालु प्रयागराज संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान ग्रह और नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण संगम का जल चमत्कारी हो जाता है। तभी अमृत स्नान किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। इस मेले की शुरुआत के लिए साधु संत और श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में बेहद खास रौनक देखने को मिलेगी। महाकुंभ में अमृत स्नान में स्नान करने का अधिक महत्व है। अमृत स्नान में सबसे पहले साधु संत स्नान करते हैं, जिसके बाद श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही दुख और दर्द दूर होते हैं। यदि आप भी महाकुंभ में अमृत स्नान करने की सोच रहे हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
अमृत स्नान 2025 डेट और टाइम (Amrit Snan 2025 Date and Time)
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत 28 जनवरी को शाम को 07 बजकर 35 मिनट से होगी और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगी। ऐसे में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
(Pic Credit-AI)
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ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 58 मिनट पर
चंद्रोदय - कोई नहीं
चन्द्रास्त - शाम 05 बजकर 58 मिनट पर
अमृत के स्नान नियम
- महाकुंभ में स्नान के दौरान नियम का पालन न करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे में स्नान करने से पहले ही इसके नियम के बारे में जरूर जान लें।
- अमृत स्नान के दौरान साबुन और शैंपू का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- स्नान के बाद श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करें।
- दीपदान करना भी इंसान के जीवन के लिए अधिक फलदायी माना गया है।
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