Ram Darbar Niyam: घर में राम दरबार स्थापित करने से मिलते हैं अद्भुत लाभ, जरूर जान लें इसके नियम
राम दरबार में प्रभु श्रीराममाता सीता लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल होती हैं। ऐसे में अगर आप भी घर में राम दरबार स्थापित करने का मन बना रहे हैं तो इसके लिए कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको इसका पूरा लाभ मिल सके। चलिए जानते हैं राम दरबार की स्थापना से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या में 5 जून को अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इसके बाद से ही लोगों के मन में यह सवाल बना हुआ है कि क्या घर में राम दरबार स्थापित किया जा सकता है। आपको अपने घर में राम दरबार स्थापित करने का लाभ तभी मिल सकता है, जब आप इससे जुड़े नियमों का भी ध्यान रखें। चलिए जानते हैं इस बारे में।
क्या है सही दिशा
वास्तु शास्त्र में घर में राम दरबार स्थापित करने की सही दिशा उत्तर मानी गई है। इसी के साथ आप घर की पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में भी राम दरबार की स्थापना कर सकते हैं। लेकिन भूलकर भी इसके लिए दक्षिण दिशा का चुनाव न करें, अन्यथा आपको अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
रखें इन बातों का ध्यान
राम दरबार की मूर्ति आकार कम-से-कम 3 फीट होना चाहिए। इसके साथ ही राम दरबार में आप अपनी श्रद्धा के अनुसार, पत्थर पीतल, तांबे या फिर चांदी की मूर्तियां स्थापित कर सकते हैं। इसके साथ ही इस बात का भी खासतौर से ध्यान रखें कि कोई मूर्ति खंडित नहीं होनी चाहिए, अन्यथा इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है।
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राम दरबार की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों के बाद स्नान आदि करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- अब तीन बार ताली बजाकर प्रभु को जगाएं।
- शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर भगवान को स्नान कराएं और नए वस्त्र पहन कर और तिलक लगाएं।
- इसके बाद फूल अर्पित करें और मूर्तियों का शृंगार करें।
- प्रभु भगवान को उनके प्रिय पकवानों जैसे मिठाई, केसर भात, पंचामृत, धनिया पंजीरी का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान रामरक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अंत में राम जी की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटे।
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