Ramayan Story: अयोध्या नहीं बल्कि यहां की राजकुमारी बनी थीं राम जी की बड़ी बहन, जानिए पौराणिक कथा
वाल्मीकि जी द्वारा लिखा गया रामायण ग्रंथ हिंदू धर्म का एक प्रमुख ग्रंथ है। साथ ही यह संस्कृत का पहला महाकाव्य भी है। इस महाकाव्य में राम जी की बहन के बारे में बहुत कम जिक्र किया गया है जिस कारण उनके बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं। चलिए इस लेख से जानते हैं राम जी की बहन के विषय में कुछ महत्वपूर्ण बातें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामायण (Ramayana katha), हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में से एक माना गया है। इस काव्य में मुख्य रूप से भगवान विष्णु के सातवें अवतार यानी प्रभु श्रीराम का वर्णन मिलता है। यह तो लगभग सभी को पता है कि राम जी सहित राजा दशरथ के 4 पुत्र श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे। लेकिन आप में से कम ही लोग राम जी की बहन के बारे में जानते होंगे।
कौन थी राम जी की बहन
आज हम बात कर रहे हैं, भगवान राम की बहन शांता की। शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पहली संतान थीं, जो चारों भाइयों में सबसे बड़ी थीं। कथा के अनुसार, एक बार कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी और उनके पति अंग देश के राजा रोमपद, अयोध्या आए थे।
वर्षिणी के कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह काफी उदास रहती थी। यह देखकर कौशल्या ने शांता को उन्हें गोद दे दिया। वह दोनों शांता को अपनी पुत्री के रूप में पाकर प्रसन्न हुए और उसे लेकर अंग देश चले गए। आगे चलकर शांता अंग देश की राजकुमारी बनी।
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कैसा था स्वभाव
शांता बचपन से ही बहुत बुद्धिमान और सुंदर थी। साथ ही उसमें त्याग और समर्पण, विनम्रता और माता-पिता का सम्मान करने जैसे कई गुण थे। विवाह होने के बाद शांता ने अपना पतिव्रता धर्म भी बड़ी ही निष्ठा के साथ निभाया। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि शांता धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है।
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किससे हुआ था विवाह
शांता का विवाह ऋषि श्रृंग से हुआ था, जो विभांडक ऋषि के पुत्र थे। ऋषि श्रृंग ने ही राजा दशरथ के लिए पुत्रोशती यज्ञ भी करवाया था, जिसके फलस्वरूप राजा दशरथ को श्री राम समेत 4 पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। कथा के अनुसार, एक बार राजा रोमपद के राज्य में सूखा पड़ने से हाहाकार मच गया।
तब राजा रोमपद ने ऋषि श्रृंग से सहायता मांगी। ऋषि ने वर्षा हेतु एक यज्ञ का आयोजन किया, जिससे राजा को सूखे की समस्या से छुटकारा मिल गया। तब राना ने प्रसन्न होकर ऋषि श्रृंग के साथ अपनी पुत्री शांता का विवाह कर दिया।
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