Char Dham Yatra: क्यों जरूरी है जीवन में एक बार चार धाम यात्रा? जानें इसका धार्मिक महत्व
चार धाम यात्रा एक पवित्र और आध्यात्मिक यात्रा है जो व्यक्ति को धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करती है। इसलिए हिंदू धर्म में हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक बार चार धाम यात्रा करने की सलाह दी जाती है। इस साल चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2025) अक्षय तृतीया के दिन यानी 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। चार धाम यात्रा को कलयुग के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर किसी को जीवन में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करनी चाहिए। इसके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते हैं, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
हिन्दू धर्म में क्यों जरूरी मानी गई है चार धाम यात्रा?
ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक चार धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह जीवन भर के पापों को धोकर मोक्ष के द्वार खोलती है। इसके साथ ही व्यक्ति पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है।
इस यात्रा में सबसे पहले यमुनोत्री धाम के दर्शन करने का विधान है। ऐसा कहते हैं कि इससे यह यात्रा बिना किसी मुश्किल के पूरी हो जाती है।
चार धाम यात्रा का धार्मिक महत्व (Char Dham Yatra Significance)
हिंदू धर्म में मान्यता है कि चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। इसके साथ ही ये भी कहते हैं कि व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन में शुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं। इसलिए इस यात्रा का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है।
चार धाम यात्रा का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance Of Char Dham Yatra)
- चार धाम यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा है जो व्यक्ति को आत्म-शुद्धि और आत्म-ज्ञान की ओर ले जाती है।
- यह यात्रा व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुष्टि प्रदान करती है।
- चार धाम यात्रा व्यक्ति को जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने में मदद करती है।
- चार धाम यात्रा भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- यह यात्रा भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों को एक साथ लाती है और एकता का प्रतीक है।
चार धाम यात्रा के चार धाम (Char Dham Yatra)
- बद्रीनाथ - यह भगवान विष्णु को समर्पित है।
- द्वारका - यह भगवान कृष्ण को समर्पित है।
- रामेश्वरम - यह भगवान शिव को समर्पित है।
- जगन्नाथ पुरी - यह भी भगवान विष्णु को समर्पित है।
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