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    Raksha Bandhan Ke Niyam: राखी बांधते समय रखें दिशा का ध्यान, अनदेखी करने से नहीं मिलेगा फल

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 06:44 PM (IST)

    भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व राखी (Raksha Bandhan Ke Niyam) हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। सावन पूर्णिमा पर सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं।

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    Raksha Bandhan Ke Niyam: राखी का धार्मिक महत्व

    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। रक्षा बंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, ये भाई-बहन के उस प्यारे रिश्ते का जश्न है, जिसमें बिना कहे सब कुछ समझ लिया जाता है। जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो उसमें उसकी प्रार्थनाएं, प्यार और जीवनभर की सुरक्षा की भावना जुड़ी होती है। और अगर इस पवित्र पल में सही दिशा का भी ध्यान रखा जाए, तो रिश्तों में और भी शुभता और मजबूती आती है।

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    दिशा इतनी जरूरी क्यों?

    जैसे सूरज पूर्व से उगता है और रोशनी फैलाता है, वैसे ही अगर हम सही दिशा में बैठकर कोई शुभ काम करें, तो जीवन में अच्छी ऊर्जा और सकारात्मकता आती है। राखी बांधते समय भी अगर दिशा का ध्यान रखा जाए, तो वो पल सिर्फ भावनाओं से नहीं, दिव्यता से भी भर जाता है।

    कैसे रखें दिशा का ध्यान राखी के समय?

    बहन को किस ओर मुख करके बैठना चाहिए: राखी बांधते समय बहन को पूर्व (East) या उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।

    भाई को कैसे बैठाना चाहिए: भाई को पश्चिम (West) या दक्षिण (South) दिशा की ओर मुख करके बैठाना चाहिए, ताकि वह बहन के प्रेम और आशीर्वाद को पूरे भाव से प्राप्त कर सके।

    थाली कहां रखें: पूजा की थाली बहन की दाईं ओर हो और उसमें दीपक, रोली, चावल, राखी और मिठाई सजे हों।

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    राखी के इस भावनात्मक त्योहार को और खास कैसे बनाएं?

    • राखी बांधने से पहले भाई की आरती उतारें, फिर तिलक लगाएं और राखी बांधते समय मन में भाई की लंबी उम्र और खुशियों की कामना करें।
    • राखी बांधने के बाद मिठाई खिलाना न भूलें ये मिठास दिलों में भी घुलती है।
    • भाई भी बहन को सिर्फ उपहार न दें, अपने प्यार और वचन भी दें कि वो हमेशा उसकी रक्षा करेगा।
    • अगर घर में पूजा का स्थान या मंदिर पूर्व दिशा में है, तो वहीं राखी बांधें। वहां की शुद्ध और शांत ऊर्जा से ये पल और भी पावन बन जाएगा।

    समापन

    राखी का धागा सिर्फ एक परंपरा नहीं, वो बहन की भावना और भाई का वचन है। जब ये बंधन सही दिशा, सही भावना और प्यार के साथ जुड़ता है, तो जीवनभर कभी नहीं टूटता।

    इस रक्षा बंधन पर बस इतना याद रखें दिशा ठीक हो, दिल साफ हो और भावना सच्ची हो, फिर हर राखी सिर्फ कलाई नहीं, दिल से भी बंधेगी।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।